 AK-203 Rifle
 AK-203 Rifle  AK-203 Rifle
 AK-203 Rifle भारत रक्षा क्षेत्र में दिन पर दिन पहले से और अधिक मजबूत होता जा रहा है. बेड़े में आधुनिक हथियारों के आ जाने से भारतीय सेना किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसी क्रम में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना को एफ-इंसास, एके-203 राइफल, एंटी पर्सनल माइन, बोट और ड्रोन समेत कई स्वदेशी हथियार सौंपे. इसमें एफ-इंसास (F-INSAS) और एके-203 (AK-203) राइफल की खूब चर्चा हो रही है. तो चलिए जानते हैं कि दुश्मनों के लिए काल के समान इस हाईटेक सिस्टम के बारे में.
F-INSAS
F-INSAS का पूरा नाम 'फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर ऐज अ सिस्टम' है. यह एक तरह का प्रोजेक्ट है जिसके तहत सैनिकों को हाईटेक और हल्के वजन वाले सिस्टम से लैस किया जाता है. ये हर मौसम में काम करने में सक्षम होते हैं. एफ-इंसास सिस्टम के तहत सैनिक को बलिस्टिक हेलमेट और बलिस्टिक गॉगल्स से लैस किया जाएगा.
हेलमेट में नाइट विजन डिवाइस लगा होगा. जिसकी मदद से सैनिक कम रौशनी में भी लक्ष्य को देख पाएंगे. इसके अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट भी इस सिस्टम के तहत सेना को दिया जाएगा. हेलमेट और जैकेट की खासियत है कि एके-47 की 9mm तक की गोली लगने के बाद भी सैनिकों का बाल बांका नहीं होगा. जैकेट में एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम लगा होगा जिसकी मदद से सैनिक अन्य सैनिकों से बात कर पाएंगे.
एके-203 (AK-203) असॉल्ट राइफल
एके-203 (AK-203) असॉल्ट राइफल बनाने के लिए भारत ने रूस के साथ करीब 500 करोड़ रुपए की डील की थी. इस डील के तहत भारत के अमेठी में 7 लाख से ज्यादा राइफल बनाया जाना है. बता दें कि AK सीरीज की यह पहली बंदूक है जिसे भारत में बनाया जा रहा है. एके-203 को इसे दुनिया का सबसे आधुनिक और खतरनाक राइफल माना जाता है. यह AK-47 का ही आधुनिक रूप है. यह 'आत्मनिर्भर' भारत की तरफ मजबूती से बढ़ा हुआ कदम है. भारत अब मेक इन इंडिया के तहत अत्याधुनिक हथियारों से लेकर लड़ाकू विमान खुद बना रहा है. जिसकी पूरी दुनिया में धमक दिखाई दे रही है.
एक मिनट में दागी जा सकेगी 600 गोलियां
एके-203 की खास बात ये है कि ये यह हल्की और लंबाई में कम होने के साथ बेहद ही खतरनाक है. इससे प्रति सेकंड के हिसाब से 10 गोलियां मारी जा सकेगी. यानी एक मिनट में 600 गोलियां. राइफल के ऊपर होलोग्राफिक लेंस लगा रहेगा जिसकी रेंज 200 मीटर तक की होगी. एके-203 आधुनिक होने के साथ साथ वजन में काफी हल्का है. इसका वजन बिना मैगजीन लगाए 3.8 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 705 MM है. इसमें 7.62x39mm गोली का इस्तेमाल होता है. इस राइफल की इफेक्टिव रेंज 300 मीटर है और इसकी मैगजीन में 30 गोलियां आएंगी. यानी इसके दायरे में आने वाले दुश्मनों का नामों निशान नहीं बचेगा.