
भारत में ट्रेनों का नेटवर्क काफी बड़ा है. भविष्य में यह और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. ट्रेन सार्वजनिक परिवहन की श्रेणी में आती है. ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा काफी ज्यादा जरूरी है. जिस प्रकार से हवाई जहाज़ में पायलट के कॉकपिट में ब्लैक बॉक्स होता है. उसी प्रकार ट्रेन में भी ब्लैक बॉक्स को लगाने की कवायद जारी है. यदी कोई ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती है, तो ऐसे में ब्लैक बॉक्स काफी हद तक मददगार साबित होगा.
ट्रेन में क्या करेगा ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स आमतौर पर हवाई जहाज में होने वाली हर गतिविधि को रिकॉर्ड करता है. साथ ही यह काफी मज़बूत भी होता है. अगर कोई हवाई जहाज़ हादसे का शिकार हो जाता है, तो ब्लैक बॉक्स की मदद से पता लगाया जा सकता है कि फॉल्ट कहां हुआ था. साथ ही प्लेन के कॉकपिट में लगा ब्लैक बॉक्स पायलट की बातचीत को भी रिकॉर्ड करता रहता है.
लोको पायलट पर भी होगी नजर
लोको पायलट के कैबिन के अंदर कैमरे लगेंगे जो लोको पायलट की हर गतिविधि को रिकॉर्ड करेंगे. जैसे कि उसकी बातचीत और वीडियो. इससे पता लगाया जा सकेगा कि ट्रेन चलाते समय लोको पायलट कितना सजग था. साथ ही वह कहीं लापरवाही के साथ ट्रेन को तो नहीं चला रहा था. अगर उसे ट्रेन में किसी फॉल्ट का पता लगा था तो उसकी आवाज़ रिकॉर्ड की जा सकेगी.
किन ट्रेनों में लगेगा ब्लैक बॉक्स
मौजूदा समय में वंदे भारत ट्रेन में ब्लैक बॉक्स लगा हुआ है. साथ ही नई ट्रेनों के अंदर भी इसको लगाया जाएगा. ब्लैक बॉक्स को नई ट्रेनों के इंजन के अंदर फिट किया जाएगा. इंजन के अंदर ब्लैक बॉक्स के फिट होने से इंजन के उपर भी निगरानी रखी जा सकेगी. यानी कि अगर इंजन के अंदर कोई फॉल्ट होता है तो उसकी जानकारी भी ब्लैक बॉक्स के अंदर रिकॉर्ड हो जाएगी. जिसके बाद किसी भी किस्म के हादसे के बाद ब्लैक बॉक्स से लगभग वो सभी जानकारी पाई जा सकती है, जो किसी हादसे की पीछे की वजह हो सकती हैं.
साथ ही ट्रेन के सामने और पीछे भी कैमरा लगाया जाएगा, जिससे पता लग सके कि कहीं किसी चीज़ से तो ट्रेन नहीं टकराई. ट्रेन में लगाएं गए कैमरों में नाइट विज़न फीचर भी होगा, जिससे रात के दौरान भी वीडियो कैपचर करने में मदद मिलेगी. जानकारी के अनुसार ट्रेन में 6-8 कैमरे लगाए जाएंगे, जो कि आईपी बेस्ड होंगे. यानी कि इस कैमरों को रिमोट बेसिस पर चलाया जा सकेगा. मतलब की ट्रेन जब चल रही होगी तो आईपी की मदद से उसकी मॉनिटरिंग की जा सकेगी.