
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद में भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन एंड मेडिकेशन सेंटर (IAMC)का उद्घाटन किया.
केसीआर ने बताया कि तेलंगाना सरकार सभी बड़ी परियोजना टेंडर्स और कॉन्ट्रेक्ट्स में एक खंड(क्लाज) शामिल करेगी जिसमें कहा गया है कि सभी विवाद, यदि वे कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न होते हैं, तो उन्हें आईएएमसी में तय करना होगा. आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी के बीच चल रहे संपत्ति विवाद को पहले ही आईएएमसी को भेजा जा चुका है.
भारत में IAMC का लंबा इतिहास
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, "भारत में आर्बिट्रेशन और मेडिकेशन का लंबा इतिहास रहा है. हाल ही में उन्होंने विवाद समाधान के तरीकों के रूप में दुनिया भर में प्रमुखता हासिल की है. एडीआर (वैकल्पिक विवाद समाधान) तरीके विभिन्न कारणों से पार्टियों के लिए फायदेमंद हैं. इनमें कम लागत लगती है और साथ ही यह गति, समय-सीमा और प्रक्रिया पर अधिक नियंत्रण, पार्टियों की स्वायत्तता, अधिक आरामदायक वातावरण और गैर-प्रतिकूल प्रकृति के होते हैं."
पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के भाषण का दिया हवाला
इस दौरान जस्टिस रमना ने 26 साल से अधिक समय पहले नई दिल्ली में एडीआर के लिए अंतरर्राष्ट्रीय केंद्र के उद्घाटन के दौरान पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के भाषण का हवाला देते हुए कहा, "किसी भी लोकतंत्र को उचित लागत पर विवाद समाधान के पर्याप्त और प्रभावी साधन उपलब्ध कराने चाहिए, वरना कानून का शासन एक अभिशाप बन जाता है और लोग शांति, व्यवस्था और अच्छी सरकार को बाधित करते हुए कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं." इस अवसर पर बोलते हुए सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर की मदद से समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय किया जाएगा.
आम लोगों के विवाद भी सुने जाएंगे
इससे पहले जस्टिस रमना ने कहा था कि IAMC केवल व्यावसायिक विवादों को ही निपटाने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम लोगों के विवादों को भी सुलझाने में जरूरी भूमिका निभाएगी. मुकदमा करने वाले लोगों को दूर स्थित जगहों पर भेजने के बजाय मध्यस्थता केंद्र मुकदमा करने वाले स्थानीय व्यक्ति के विवादों के लागत को प्रभावी करेगा. इसके अलावा, ये केंद्र विवादों का कुशल समाधान सुनिश्चित करेगा.