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Santokh Singh Chaudhary: पेशे से वकील थे संतोख सिंह चौधरी, पिता के नक्शे कदम पर चल राजनीति में बनाई पहचान, मोदी लहर में भी मारी थी बाजी

जालंधर के सांसद संतोख सिहं चौधरी राजनीतिक रुआब वाले परिवार से आते थे. वे पंजाब के पहले शिक्षामंत्री मास्टर गुरबंता सिंह के बेटे थे. उनके बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी विधायक हैं. संतोष ने यूथ कांग्रेस से सियासी सफर शुरू किया था.

संतोख सिंह चौधरी (फाइल फोटो) संतोख सिंह चौधरी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • सियासी रसूख वाले परिवार से संबंध रखते थे संतोख सिंह

  • बाप, भाई और बेटा रह चुके हैं विधायक

पंजाब के जालंधर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद संतोख सिंह चौधरी का शनिवार सुबह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह राहुल गांधी के साथ पद यात्रा कर रहे थे.उनकी मौत की सूचना पर सभी दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया. 

संतोख सिंह चौधरी का जन्म 18 जून 1946 को जालंधर जिले के नकोदर तहसील में स्थित धालीवाल गांव में हुआ था. संतोख ने 1964 में चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की. 1968 में जालंधर के डीएवी कॉलेज और फिर साल 1972 में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से आगे की शिक्षा हासिल की. संतोख सिंह चौधरी पेशे से वकील थे.

सियासी सफर
संतोख सिंह अपने परिवार में दूसरी पीढ़ी के नेता थे. उनके पिता मास्टर गुरबंता सिंह अखंड भारत में 1938 में पहली बार विधायक बने थे. संतोख ने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए राजनीति में आए. यूथ कांग्रेस से अपना सियासी सफर शुरू किया. 1992 के विधानसभा चुनाव में संतोख सिंह फिल्लौर से पहली बार विधायक चुने गए थे. प्रताप सिंह कैरों व ज्ञानी जैल सिंह की सरकार में संतोख सिंह एग्रीकल्चर व जंगलात मंत्री भी बने. उनके राजनीतिक कद का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रचंड मोदी लहर के दौरान भी उन्होंने दो बार जीत हासिल की. उनके बेटे विक्रमजीत सिंह चौधरी फिल्लौर के विधायक हैं. उनके भाई जगजीत सिंह भी राज्य सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं.

लगातार दूसरी बार सांसद बने थे
संतोख चौधरी लगातार दूसरी बार सांसद बने थे. वह साल 2014 और साल 2019 में जलंधर से चुनाव जीते थे. इसके अलावा वह पांच बार विधानसभा चुनाव भी लड़े थे. इन पांच चुनावों में से वह तीन बार जीते और साल 1992 व साल 2002 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे. चौधरी 2014 में अकाली दल के पवन कुमार टीनू को हराने के बाद लोकसभा के लिए चुने गए थे. साल 2019 में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा और उन्होंने जालंधर लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी. साल 2004 से लेकर 2010 तक वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे. 2002 में कांग्रेस सरकार के दौरान वे सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास, समाज कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के मंत्री रहे. 

सेहत का पूरा ध्यान रखते थे
संतोख सिंह 75 की उम्र में भी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखते थे. उन्हें रेगुलर जिम में अभ्यास करना, रोज ब्रिस्क वाक के साथ-साथ गोल्फ खेलना और किताबें पढ़ना पसंद था.