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दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़े हालातों के बीच लॉकडाउन के लिए तैयार दिल्ली सरकार, सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा, पूरे एनसीआर में भी की बैन की वकालत

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दिल्ली सरकार के काम की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण धूल की वजह से होता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग के बारे में भी पूछा. इसपर सरकारी वकील ने कहा कि सभी राज्य और शहरों में परिस्थिति अलग अलग हैं. केंद्र ने जहां अपनी दलीलें पेश की वहीं कोर्ट ने कहा, “हम बस चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो. हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं.”

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हाइलाइट्स
  • केंद्र ने की दिल्ली सरकार की तारीफ

  • SC ने कहा तीन वजहों पर करें गौर- धुल, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री

  • दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन लगाने का प्रस्ताव पेश किया था

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह इस मसले पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाए और राज्यों के समन्वय से इस पर कड़े कदम उठाए जाएं. दरअसल, दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन लगाने का प्रस्ताव पेश किया था और कहा था कि जबतक दिल्ली एनसीआर में ये नहीं लगेगा तबतब दिल्ली को कोई फायदा नहीं होगा. केंद्र ने जहां अपनी दलीलें पेश की वहीं कोर्ट ने कहा, “हम बस चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो. हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं.” 

बता दें, अब सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. 

SC ने कहा तीन वजहों पर करें गौर- धुल, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को तीन वजहों पर गौर करने को कहा है- धूल, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में 76 फीसदी प्रदूषण धूल, परिवहन और इंड्रस्टी की वजह से होता है. पराली की जगह इन तीन वजहों पर गौर करें. अगर तीनों पर काम करते है तो प्रदूषण कम होगा. 

कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार

प्रदूषण को लेकर दिल्ली में कौन-कौन से कदम उठाये गए हैं, इसपर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप रिवेन्यू इकट्ठा कर सिर्फ एडवरटाइजिंग कर रहे हैं! हमें देखना होगा कि आप कितना रेवेन्यू लेते है. कितना काम पर खर्च करते हैं और कितना प्रचार पर?

कल शाम तक मांगा है जवाब 

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऑडिट के लिए भी कहा. कोर्ट ने कहा कि अगर आप एमसीडी (MCD) पर ब्लेम डालेंगे तो हम ये ऑडिट करेंगे कि आपने स्लोगन पर कितना खर्च किया है.

इसके साथ, मंगलवार तक इंडस्ट्री, सड़क, वर्क फ्रॉम होम और पराली पर जवाब मांगा है और कहा है कि  इन पर फोकस कर के मंगलवार शाम तक हलफनामा दाखिल करें. 

केंद्र ने की दिल्ली सरकार की तारीफ 

हालांकि, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दिल्ली सरकार के काम की तारीफ की है. केंद्र ने कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण धूल की वजह से होता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग के बारे में भी पूछा. इसपर सरकारी वकील ने कहा कि सभी राज्य और शहरों में परिस्थिति अलग अलग हैं. 500 AQI से ऊपर होने पर ट्रक ट्रैफिक,स्कूल का बंद होना, कंस्ट्रक्शन का बंद होना ये सब दिल्ली सरकार ने किया है. ऑड-इवन पर अभी काम नहीं हुआ है. दिल्ली में डीजल जनरेटर पर रोक लगाई गई है. 

पंजाब-हरियाणा को पराली न जलाने की सलाह 

इसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने दिल्ली के बाद हरियाणा और पंजाब सरकार की भी खबर ली. कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को 1 हफ्ते तक किसान पराली न जलाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा, “हम आप को फोर्स नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप किसानों से बात करें कि कम से कम एक हफ्ते तक पराली न जलाएं.” 

SC ने पूछा-बिजली सप्लाई का अल्टरनेट क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से अल्टरनेट चीज़ों के बारे में भी पूछा है और कल तक का समय दिया है. कोर्ट ने कहा, “किन इंडस्ट्री को बंद किया जा सकता है? किन गाड़ियों की एंट्री बंद की जा सकती है? किन पॉवर प्लांट को बंद किया जा सकता है और बिजली सप्लाई का अल्टरनेट क्या होगा? इन सबके बारे में कल तक बताइए.” 

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई मीटिंग में यूपी, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को मौजूद रहना जरूरी होगा.  

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