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दिल्ली सरकार की नई कांवड़ पॉलिसी 2025! शिव भक्तों के लिए मुफ्त बिजली, पारदर्शी फंडिंग और सुरक्षा का वादा!

कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सभी कांवड़ शिविरों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी, जिससे शिविरों में रोशनी, पंखे और अन्य जरूरी उपकरण चलाए जा सकेंगे. साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस और स्वयंसेवकों की टीमें तैनात होंगी.

कांवड़ यात्रा 2025 कांवड़ यात्रा 2025

दिल्ली में हर साल श्रावण मास में लाखों कांवड़ यात्री भगवान शिव की भक्ति में डूबकर कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेते हैं. उनकी सुविधा और इस पवित्र यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने नई कांवड़ नीति 2025 को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस नीति को “न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप, अधिकतम जनसेवा” का मंत्र बताते हुए इसे शिव भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है. 

पिछले कुछ वर्षों में कांवड़ यात्रा के नाम पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आती रही हैं. टेंडर प्रणाली में कुछ खास लोगों का दबदबा और फंड का दुरुपयोग आम बात थी. दिल्ली सरकार ने इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछली सरकारों ने कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं में सुधार की बजाय इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था. हमारी सरकार पारदर्शिता और सेवा को प्राथमिकता दे रही है.”

नई नीति के तहत, कांवड़ यात्रा से जुड़ी सभी समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे फंड दिया जाएगा. इससे ठेकेदारों और बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, और पैसा सीधे समितियों के खातों में पहुंचेगा.

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सिंगल विंडो सिस्टम
कांवड़ यात्रा से जुड़ी समितियों के लिए अब पंजीकरण और अनुमति लेना बेहद आसान होगा. सरकार ने एकल विंडो प्रणाली शुरू की है, जिसके तहत पंजीकृत समितियां जिला मजिस्ट्रेट (DM) कार्यालय में आवेदन कर सकती हैं. आवेदन के 72 घंटे के भीतर सभी जरूरी अनुमतियां दी जाएंगी. यह प्रक्रिया न केवल तेज है, बल्कि पूरी तरह पारदर्शी भी होगी. समितियों को 30 जुलाई तक पंजीकरण कराना होगा, जिसमें स्थानीय सांसद (MP) और विधायक (MLA) सिफारिश कर सकते हैं.

50 हजार से 10 लाख तक की मदद
पिछले कई वर्षों से कांवड़ समितियों के बिल लंबित रहते थे, और ठेकेदारों को भुगतान में देरी आम थी. नई नीति में इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला गया है. अब समितियों को चार श्रेणियों में 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह राशि टेंटिंग क्षेत्र और शिविर के दिनों की अवधि के आधार पर तय होगी. 50% भुगतान यात्रा शुरू होने से पहले होगा.

शेष 50% यात्रा के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) जमा करने पर. साथ ही, सभी भुगतान 3 महीने के भीतर पूरे किए जाएंगे. यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि समितियों को समय पर फंड मिले और वे बेहतर सुविधाएं दे सकें.

मुफ्त बिजली और मजबूत सुरक्षा
कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सभी कांवड़ शिविरों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी, जिससे शिविरों में रोशनी, पंखे और अन्य जरूरी उपकरण चलाए जा सकेंगे. साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस और स्वयंसेवकों की टीमें तैनात होंगी. हर शिविर और मार्ग की निगरानी DM और SDM करेंगे, ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो.

“मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव नीति” का हिस्सा
इस नीति को “मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव नीति” के तहत लागू किया गया है, जिसका मकसद धार्मिक आयोजनों को पारदर्शी, सुगम और भक्तों के लिए सुविधाजनक बनाना है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कांवड़ यात्रा शुरू होते ही सेवा में जुट जाएं. भोजन, जल सेवा, प्राथमिक चिकित्सा, विश्राम स्थल और मार्गदर्शन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कांवड़ यात्रियों के पैर में एक कंकड़ भी न चुभे. हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि दिल्ली देश के लिए एक मॉडल बने.” यह नीति न केवल कांवड़ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि भ्रष्टाचार को खत्म कर पारदर्शिता का नया उदाहरण पेश करेगी.

अगर आप कांवड़ यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं, तो पंजीकृत समितियों से संपर्क करें और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं. किसी भी असुविधा या शिकायत के लिए नजदीकी DM कार्यालय या दिल्ली पुलिस से संपर्क करें.