
टॉक्सिक वर्क कल्चर के बारे में तो आपने खूब सुना होगा...कोई अपने बॉस से परेशान रहता है तो किसी को छुट्टी न मिलने की शिकायत रहती है. लेकिन बीमारी में नौकरी से निकालने का मामला बेहद कम ही सुनने को मिलता है.
हाल ही में एक अमेरिकी कंपनी में काम करने वाली कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि निमोनिया की वजह से लीव पर होने के दौरान उसे नौकरी से निकाल दिया गया. सोशल मीडिया पर लोग इस कंपनी की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
बॉस ने दी नौकरी से निकालने की धमकी
महिला कर्मचारी ने अपनी पोस्ट "I have pneumonia and my boss is threatening to fire me for not coming in" में बताया कि उसने COVID-19 के पॉजिटिव आने के बाद एक हफ्ते का अवकाश लिया, जो कि उसकी कंपनी की नीति के अनुसार था लेकिन बाद में उसे निमोनिया हो गया.
पोस्ट में महिला ने लिखा, "मुझे महसूस हुआ कि मेरी हालत बहुत खराब हो रही है, तो मैंने अस्पताल का रुख किया. वहां मुझे केवल जुकाम का इलाज बताया गया. तीन दिन तक तेज बुखार के बाद, मैं इमरजेंसी रूम में गई, जहां डॉक्टरों ने मुझे निमोनिया की बीमारी का पता लगाया और एंटीबायोटिक्स दिए."
छुट्टी मांगी तो नौकरी से निकाला गया
कर्मचारी ने बताया कि मेरी बीमारी के बावजूद मैनेजर ने मुझे काम पर लौटने का दबाव डाला. महिला ने कहा, "मैंने कहा कि मुझे बुधवार तक और छुट्टी चाहिए क्योंकि मुझे खड़े होने पर भी सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन मेरी बॉस ने मुझे बताया कि मैंने इलाज जल्द क्यों नहीं शुरू किया और मेरी लीव रिक्वेस्ट इनफॉरमल थी. इसके बाद मुझे नौकरी से निकाल दिया गया.''
कई लोगों ने HR में रिपोर्ट करने की बात कही
कई लोगों ने महिला को सलाह दी कि उसे इस मामले को मानव संसाधन (HR) डिपार्टमेंट में रिपोर्ट करना चाहिए. कुछ ने यह भी कहा कि मेडिकल लीव पर रहते हुए नौकरी से निकालने को लेकर आप लेबर कोर्ट में जा सकते हैं.
एक यूजर ने लिखा, 'मैं खुद एक जनरल मैनेजर हूं, और मैं अपने कर्मचारियों को हमेशा कहता हूं अगर आप बीमार हैं तो ऑफिस मत आइए, अपनी सेहत का ध्यान रखिए.'
एक अन्य यूज़र ने लिखा, 'यह बहुत दुखद है. निमोनिया कोई हल्की बीमारी नहीं है, लोग इसकी वजह से मर भी सकते हैं. अपनी सेहत का ध्यान रखें, क्योंकि आपका बॉस सिर्फ कंपनी की सोचता है."