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इंसान तो इंसान गणपति पर भी भारी G.S.T, बढ़ गए बप्पा की मूर्तियों के दाम

गणेश चतुर्थी, देश भर में मनाए जाने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है. यह त्यौहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के मुताबिक भाद्र महीने में आता है.

Ganesh Chaturthi Ganesh Chaturthi

कोरोना ने पूरी दुनिया में बहुत कुछ बदल कर रख दिया. कोरोना के समय लगे लॉकडाउन ने लोगों की जिदंगियों पर गहरा और विपरित असर डाला. हालात ये थे कि त्योहारों के मौके पर भी लोग घरों में बंद रहे. वहीं जैसे ही हालात ठीक हुए कोरोना से जुड़ी पांबदियों को हटा दिया गया. साथ ही त्योहारों को लेकर भी छूट दे दी गई. इसी छूट के साथ इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा. इस बार पूरे 3 साल बाद गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है. इसे लेकर मुंबई में जोरो-शोरों से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. गणेश चतुर्थी को लेकर बड़े-बड़े पंडाल लगने अभी से शुरू हो गए हैं. 

एक तरफ़ देश में महंगाई की मार है वहीं कुछ दिन पहले कई चीजों में G.S.T में भी इज़ाफ़ा किया गया है. ऐसे में G.S.T की मार सिर्फ इंसानो पर भारी नहीं पड़ रही है बप्पा पर भी इसका असर पड़ रहा है. गणेश चतुर्थी पर महंगाई का असर देखने को मिल रहा है जहाँ मूर्ति बनाने में लगने वाले रॉ मटेरियल की वजह से बप्पा की मूर्ति के दाम आसमान छू रहें हैं. आलम यह है की मूर्तियों के दाम  G.S.T बढ़ने की वजह से 35 से 40 फीसदी बढ़ गए हैं. 

गणेश जी की मूर्तियों को बड़े अच्छे तरीके से सजाया जाता है, इन मुर्तियों में काफ़ी ज्यादा कपड़े लगते हैं. ऐसे में पिछले साल तक इस्तेमाल होने वाले कपड़े की कीमत प्रति मीटर 35 से 40  रुपये थी वहीं 2022 में रॉ मटेरियल पर G.S.T बढ़ने के बाद प्रति मीटर कपड़ा 50 से  55 तक पहुंच गया है. इस साल मिट्टी पर भी G.S.T बढ़ा है जिस की वजह से कुछ साल पहले तक मिट्टी की कीमत प्रति 20 किलो 180 रुपये थी. वहीं 2022  में रॉ मटेरियल  पर G.S.T बढ़ने के बाद प्रति  20  किलो यह क़ीमत 250 से  300 तक पहुंच गई है. 

वहीं इस साल लेबर कोस्ट के बढ़ने से मूर्ति विक्रेताओं के सामने एक और बड़ी चुनौती सामने आ गयी है. कोविड काल में काफ़ी कारीगर काम छोड़ कर चले गए थे वहीं इस साल कारीगरों को काम पर बुलाना भी काफी मुश्किल रहा. इस साल लेबर कोस्ट प्रति व्यक्ति 1000 से 1800 तक पहुंच गया. साथ ही इस साल परिवहन के खर्चे में भी बढ़ोत्तरी हुई हैं. बतातें चले कि इस साल परिवहन के लिए  9000 तक किराया देना पड़ रहा है. 


मूर्तियों पर शृंगार करने के किए ऑइल पेंट का भी इस्तेमाल किया जाता है. G.S.T बढ़ने के बाद ऑइल पेंट पर प्रति डिब्बा 20 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है. वहीं कलर करने के लिए इस्तेमाल में होने वाले ब्रश की कीमत पिछले साल साल 30 रुपये तक थी और इस साल G.S.T बढ़ने के बाद  क़ीमत 45  रुपये तक पहुंच गयी है.

मूर्तियों की क़ीमतों में हुआ इतना इज़ाफा 

 

  • पिछले साल  तक बप्पा की डेढ़ फ़ीट की मूर्ति की क़ीमत  2500  रुपये थी . 
  • साल 2022  में रॉ मटेरियल  पर G.S.T बढ़ने के बाद बप्पा की डेढ़ फ़ीट की मूर्ति की क़ीमत 4000 तक पहुंच गयी है. 
  • पिछले साल तक बप्पा की 2  फ़ीट की मूर्तियों की क़ीमतें 6000 तक थी 
  • मगर इस साल रॉ मटेरियल  पर G.S.T बढ़ने के बाद बप्पा की 2 फ़ीट की मूर्तियों  की क़ीमत 7500 तक पहुंच गयी है. 
  • पिछले साल तक बप्पा की 4  फ़ीट की मूर्तियों की क़ीमतें  18000 तक थी . 
  • मगर इस साल रॉ मटेरियल  पर G.S.T बढ़ने के बाद बप्पा की 4 फ़ीट की कीमत 28000 तक पहुंच गयी है .
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