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बदलाव की राह: जहां घोड़ी पर नहीं चढ़ सकते दलित, वहां एक पिता ने अपनी बेटी की शादी से पहले हाथी पर निकाली बारात

गुजरात में एक दलित परिवार ने शादी से पहले हाथी पर अपनी बेटी की बारात निकालकर समाज के लिए एक मिसाल पेश की है.

पिता ने निकाली बेटी की हाथी पर बारात पिता ने निकाली बेटी की हाथी पर बारात
हाइलाइट्स
  • नटू परमार की बेटी की शादी से एक दिन पहले हाथी पर बारात निकाली गई

  • अपनी बेटी की हाथी पर बारात निकाल कर दिया बेटा-बेटी की बराबरी का संदेश

आज भी देश में जात-पात की खाई इतनी गहरी है कि दलित समाज को शादी-ब्याह के मौके पर बारात निकालते हुए भी डर रहता है. पर अब चीजें बदल रही हैं. जहां दलित समाज के लोग घोड़ी पर दूल्हे की बारात निकालने से डरते हैं, वहां एक दलित परिवार की शादी में हाथी पर बारात निकाली गई. 

वह भी बेटा नहीं बल्कि एक बेटी की. गुजरात में अहमदाबाद के सुरेन्द्र नगर के नटू परमार की बेटी की शादी से एक दिन पहले हाथी पर बारात निकाली गई. पूरे बैंड-बाजे के साथ निकली इस बारात के सब तरफ चर्चे हैं.

पिता का सालों पहले का सपना हुआ पूरा

इस बारात को लेकर हर कोई काफ़ी उत्साहित है. दरअसल, आज भी गुजरात के कई शहरों में दलितों की बारात घोड़े पर निकलती है तो पथराव होता है और बारात पुलिस सुरक्षा में निकालनी पड़ती है. नटू परमार का कहना है कि बरसों पहले उनका सपना घोड़ी पर चढ़ कर अपनी बारात निकालना था. लेकिन तब वह ये नहीं कर पाए थे. पर अब अपनी बेटी को हाथी पर बिठा कर बारात निकाल रहे हैं. 

दिया सामाजिक संदेश भी 

23 वर्षीय बेटी भारती ने अपनी शादी से पहले घोड़ी नहीं बल्कि हाथी की सवारी की तो पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. नटू परमार अपनी बेटी की हाथी पर बारात निकाल कर बेटा-बेटी की बराबरी का संदेश भी दे रहे हैं. उनके सभी जाननेवाले यही कह रहे हैं कि नटुभाई परमार ने अपनी लडकी की शादी में समाज को नई राह दिखाई है.