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एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों पर तुरंत पहुंचेगी इमरजेंसी सर्विस, गुजरात पुलिस ने लॉन्च किया अत्याधुनिक ‘अभिरक्षक’ वाहन

गुजरात में गंभीर सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में घायलों को समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा तो है ही पर उसे और आगे बढ़ाते हुए अधिक हताहतों को रोकने के मुख्य उद्देश्य से, गुजरात पुलिस ने अत्याधुनिक "अभिरक्षक" वाहन खरीदे हैं.

अब हाईटेक रेस्क्यू वाहन भी घायलों की मदद को तैयार (Photo: AI-generated) अब हाईटेक रेस्क्यू वाहन भी घायलों की मदद को तैयार (Photo: AI-generated)
हाइलाइट्स
  • अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है वाहन

  • रात में भी रेस्क्यू संभव

सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने के लिए पहले कुछ मिनट बेहद अहम होते हैं. इन्हें 'गोल्डन ऑवर्स' कहा जाता है. इस समय में अगर घायलों को जल्दी इलाज मिल जाए, तो मौतों का आंकड़ा कम हो सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात पुलिस ने एक नया और एडवांस कदम उठाया है. गुजरात पुलिस ने 'अभिरक्षक' नामक विशेष वाहन तैयार किया है.

क्या है अभिरक्षक?
गुजरात पुलिस द्वारा तैयार किया गया यह हाईटेक वाहन एक एक्सिडेंट रिस्पॉन्स और रेस्क्यू यूनिट है. इसे अहमदाबाद ग्रामीण और सूरत ग्रामीण जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैनात किया गया है. इस वाहन का मकसद गंभीर सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचकर राहत कार्य शुरू करना है.

अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है वाहन
'अभिरक्षक' वाहन को खासतौर पर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी आपात स्थिति से निपट सके. इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा 32 से अधिक विशेष बचाव उपकरण हैं. जैसे

  • मेटल कटर

  • ग्लास कटर

  • बोल्ट कटर

  • टेलीस्कोपिक सीढ़ियां

  • स्ट्रेचर

  • जनरेटर

  • हैवी वेट उठाने वाली विंच

इन सभी उपकरणों की मदद से हादसे के बाद फंसे हुए लोगों को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है.

इससे रात में भी रेस्क्यू संभव
इस वाहन की खास बात ये है कि यह रात के समय भी पूरी तरह से ऑपरेशनल रह सकता है. इसके लिए इसमें पावरफुल लाइटिंग सिस्टम और जनरेटर लगाया गया है, जिससे अंधेरे में भी बचाव कार्य आसानी से किया जा सके.

स्मार्ट तकनीक से भी लैस है
‘अभिरक्षक’ केवल भारी उपकरणों से ही नहीं, बल्कि स्मार्ट तकनीक से भी लैस है. इसमें नाइट विजन गॉगल्स, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, ट्रैफिक कंट्रोल लाइट ब्लिंकर, और ड्रोन ऑपरेशन के लिए चैंबर जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं. वाहन का फायरप्रूफ और अटैकप्रूफ बॉडी डिजाइन इसे भीड़-भाड़ और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षित ऑपरेशन के लिए उपयुक्त बनाता है.

सबसे पहले पहुंचेगा घटनास्थल पर
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी के मुताबिक, यह वाहन हर गंभीर सड़क हादसे की सूचना मिलते ही सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचेगा. "यह वाहन गोल्डन ऑवर्स में त्वरित प्रतिक्रिया देगा और घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाएगा," 

यह उन हादसों में बेहद उपयोगी साबित होगा, जब व्यक्ति वाहन के अंदर फंसा हो या ऐसी स्थिति में हो जहां तत्काल बचाव जरूरी हो.

बड़ी संख्या में जान बचाने की उम्मीद
पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद गुजरात सरकार इन वाहनों की संख्या बढ़ा सकती है. ‘अभिरक्षक’ का उद्देश्य केवल तकनीकी सहायता देना नहीं है, बल्कि यह पूरे आपदा प्रबंधन सिस्टम को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे न सिर्फ लोगों की जान बचाई जा सकेगी, बल्कि पुलिस की छवि भी तकनीक-सक्षम और तत्पर व्यवस्था के रूप में मजबूत होगी.

-ब्रिजेश दोशी