
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट की यह बैठक स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ऑनलाइन डिलिवरी प्लेटफॉर्म पर काम करने वालों के लिए तोहफा लेकर आई है. सरकार ने इनके कल्याण और सुरक्षा के लिए आने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में बिल लाने का फैसला किया है. अब अगले सत्र में यह बिल सदन में आएगा. इसके तहत गिग वर्कर्स (Gig Workers) को कई तरह की कल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा.
कैसा होने वाला है विधेयक?
बैठक के बाद राज्य के वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि लेबर रोज़गार और प्रशिक्षण विभाग के प्रस्ताव पर यह बिल लाया जा रहा है. इस बिल का उद्देश्य राज्य के गिग वर्कर्स के काम को सरल और कारगर बनाना है. उन्होंने कहा कि कानून बनने के बाद राज्य में 'गिग वर्कर्स बोर्ड' बनाया जाएगा. इस बोर्ड का काम होगा कि वह गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन करे, उनका विवरण संभाले और उनके कल्याण के लिए काम करे. गिग वर्कर्स के लिए एक कल्याण फंड भी तय किया जाएगा.
कैबिनेट ने लिए कई अन्य फैसले
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में चार जून 2025 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए.
कैबिनेट ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा काउंसिल (AICTE) के नियमों के तहत बोकारो और गोड्डा में हाल ही में बने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों और दूसरे स्टाफ के सदस्यों की नियुक्ति को भी मंज़ूरी दी. हर कॉलेज के लिए 85 शिक्षक और 125 'नॉन टीचिंग स्टाफ' को मंज़ूरी दी गई. वित्त सचिव ने बताया कि इससे सरकार को सालाना 41.87 करोड़ का खर्च आएगा.
पाकुड़ अन्तर्गत "पाकुड़- बरहरवा मुख्य पथ से पाली गगन पहाड़ी पश्चिम बंगाल बॉर्डर भाया कुसमा फाटक पथ को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं पुनर्निर्माण काम के लिए 40 करोड़ की प्रशासनिक मंज़ूरी दी गई.
बैठक में कैबिनेट ने झारखंड की सभी जेलों के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को स्वास्थ विभाग से गृह विभाग में स्थानांतरित करने का भी फैसला लिया, ताकि संसाधनों का सही तरह इस्तेमाल हो सके. इस बैठक में झारखण्ड नगरपालिका संवेदक निबंधन (संशोधन) नियमावली, 2025 के गठन की स्वीकृति दी गई. इस तरह कैबिनेट ने कुल 12 अहम फैसले लिए.
(सत्यजीत कुमार का इनपुट)