
पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो पड़ोसी मुल्क डिफेंसिव मोड में आ गया. अभी सिंधु जल संधि ही रद्द हुई थी कि पाक के हाथ पैर फूलने लगे. पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने घबराहट में आकर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी भी दे डाली.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ 'ज़रूरत पड़ने पर' भारत के खिलाफ परमाणु बम के इस्तेमाल की धमकी दे चुके हैं. पाकिस्तान के रेलमंत्री हनीफ अब्बासी ने भी कहा है कि उन्होंने 'गौरी, गजनी और शाहीन' मिसाइलें भारत के लिए रखी हैं. बड़ी-बड़ी बातें करने में तो पाकिस्तान की कोई टक्कर नहीं, लेकिन इन धमकियों में कितना दम है?
दोनों देशों के बीच बड़ी सरगर्मियां हमें यह सवाल करने पर मजबूर करती हैं कि बात-बात पर परमाणु बम का नाम लेने वाले पाकिस्तान के परमाणु हथियार कितने ताकतवर हैं. वह भारत को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं. और भारत इन हमलों के लिए कितना तैयार है. आइए समझते हैं यह पाकिस्तान की धमकी है या गीदड़ भभकी.
भारत का मज़बूत मिसाइल डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान के रेलमंत्री हनीफ अब्बासी ने जिन ग़ौरी और गज़नी मिसाइलों की धमकी दी है, क्या वे भारत की सरजमीं तक पहुंच सकती हैं? दरअसल अगर पाकिस्तान भारत पर हमला करने की सोचता भी है तो भारत ने बॉर्डर पर एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया हुआ है. यह पाकिस्तान की किसी भी मिसाइल को ट्रैक, डिटेक्ट और किल कर सकता है.
एस-400 की ताकत के सामने पाकिस्तान की मिसाइलें बेअसर साबित होंगी. इस डिफेंस सिस्टम के बारे में रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल शैलेंद्र सिंह कहते हैं, "एस-400 ऐसा वेपन सिस्टम है जो दुनिया ने माना है कि एक तरीके से सबसे बेहतरीन में से एक है. हालांकि एस सीरीज आगे भी बढ़ गई है लेकिन अपने आप में एस400 इस समय भी दुनिया का माना हुआ एक एयर डिफेंस सिस्टम है."
वह कहते हैं, "गौरी हो, गज़नी हो, पाकिस्तान हो, पाकिस्तान की कोई भी मिसाइल हो, कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जो काबिलियत एस-400 में है, जिस एक्यूरेसी और रफ्तार से वह पाकिस्तान की मिसाइल्स या किसी और अटैकिंग सिस्टम को ट्रैक कर सकता है, डिटेक्ट कर सकता है और उसे किल कर सकता है, ये ज्यादा बड़ी बात है."
धरती, हवा और पानी में भारत की एटमी ताकत
भारत पाकिस्तान के हमलों को रोकने के लिए तो तैयार है ही, साथ ही वह न्यूक्लियर ट्राइड से लैस है. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जो हवा, पानी और जमीन से एटमी हथियार लॉन्च कर सकता है. भारत के पास सुखोई 30, मिराज 2000, जगुआर और राफेल जैसे फाइटर प्लेन हैं.
समंदर से परमाणु हथियार दागने के लिए आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघात जैसी पनडुब्बियां मौजूद हैं. वहीं जमीन से न्यूक्लियर हथियार लॉन्च करने के लिए पृथ्वी और अग्नि जैसी मिसाइलें हैं जो पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में परमाणु हमला करने की ताकत रखती हैं.
पाकिस्तान के पास अभी पूरा न्यूक्लियर ट्राइड नहीं है. उसके पास पनडुब्बी से मार करने वाली सबमरीन लॉन्च बेलिस्टिक मिसाइल नहीं है. उसके पास सिर्फ पनडुब्बी से मार करने वाली सबमरी लॉन्च क्रूज़ मिसाइल है. ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान इस मामले में भी भारत से पिछड़ा हुआ है.
कितनी है पाकिस्तान की एटमी ताकत?
पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के पास 180 परमाणु बम हैं. लेकिन इससे पाकिस्तान की ताकत का सही आंकलन नहीं मिलता. भारत के पास थर्मोनक्लियर बम है जो 1.5 किलोमीटर से 10 किलोमीटर के दायरे को तबाह कर सकते हैं. यानी पाकिस्तान का हर छोटा बड़ा शहर भारत तबाह कर सकता है.
दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास टेक्निकल न्यूक्लियर बम है जो एक से सात किलोमीटर के दायरे तक छोटे इलाके को खत्म कर सकते हैं. यानी पाकिस्तान अगर चाहे भी तो छोटे इलाके पर ही असर डाल सकता है. पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों को ले जाने वाली शार्ट रेंज और लॉन्ग रेंज मिसाइलों को देश के अलग-अलग हिस्सों में रखा है.
बुलेटिन ऑफ दी एटोमिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में परमाणु हथियार ले जाने के लिए कम से कम पांच मिसाइल ठिकाने हैं. पाकिस्तान का पहला मिसाइल ठिकाना बलूचिस्तान के सकर से करीब 220 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है. न्यूक्लियर वेपन रखने के लिए यहां अंडरग्राउंड गोदाम बना हुआ है.
इसी तरह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पानुआखिल है में पाकिस्तान का मिसाइल बेस है. यह बेस बाबर और शाहीन-1 मिसाइलों के लिए बनाया गया है. पाकिस्तान का अगला मिसाइल ठिकाना सरगोदा है. यहां पर 10 से ज्यादा अंडरग्राउंड बंकर हैं. इसके करीब सरगोदा वेपन स्टोरेज कॉम्प्लेक्स है, जिसमें परमाणु हथियार रखे जाते हैं.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के उत्तर पूर्वी हिस्से में गुजरांवाला मिलिट्री बेस है. इसे पाकिस्तान का सबसे बड़ा मिलिट्री कॉम्प्लेक्स माना जाता है. सिंध प्रांत के हैदराबाद से 18 किलोमीटर दूर उत्तर में है आक्रों. यहां पर मिसाइल गैराज है. इसे लॉन्चर्स के लिए बनाया गया है. इसके अलावा माना जाता है कि कराची में भी पाकिस्तान का न्यूक्लियर हथियार भंडार है.
न्यूक्लियर हथियार के इस्तेमाल को लेकर भारत की नीती अभी नो फर्स्ट यूज़ (No First Use) की है. यानी की भारत किसी भी देश पर पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. वह इस ताकत को अपनी रक्षा का स्तंभ मानता है. हालांकि अगर भारत इस नीती में बदलाव कर दे तो पाकिस्तान में हड़कंप मच सकता है.