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अब प्रचंड करेगा दुश्मनों पर प्रहार, सेना ने असम से जुड़ी चीन सीमा पर किया तैनात

हाल के सालों में आत्मनिर्भरता के मंत्र के साथ सेना की ताकत बढ़ी है. सेना के पास आज ना केवल दुश्मन की हर दांव का जवाब है. बल्कि पड़ोसी मुल्कों की नापाक हरकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए शक्तिशाली हथियार हैं. हाल के दिनों में सेना को प्रचंड की शक्ति मिली है. जिसे सेना अब चीन की चालाकियों पर नकेल लगाने के लिए तैनात करने जा रही है.

प्रचंड प्रचंड
हाइलाइट्स
  • दुश्मन के मंसूबों को खाक में मिलाएगा प्रचंड

  • दूसरे लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स से अलग है प्रचंड

आसमान की बुलंदियां नापते भारत के इस स्वदेशी बाहुबली की गरज. दुश्मनों को दहलाने के लिए काफी है. इसलिए थल सेना ने अरुणाचल से लगती चीन सीमा पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए असम के मिसामारी एयरबेस पर 4 एलसीएच प्रचंड को तैनात करने का फैसला किया है. इससे वायु सेना को दुश्मन की हर हरकत पर नज़र रखने में मदद तो मिलेगी ही. साथ दुश्मन के किसी चाल को नाकाम करने में ये अचूक योद्धा अपना जौहर दिखाने से पीछे नहीं हटेगा.

आसमान में किसी भी दुश्मन को धूल चटाने के लिए यूं तो हमारे पास कई लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स हैं. लेकिन हमारे स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की बात ही निराली है. प्रचंड रफ्तार, फुर्ती और सटीक प्रहार क्षमता का अद्भुत मेल है. इसके तेज के आगे दुश्मनों की आंखें चौंधिया जाती हैं. ये जितना ताकतवर हैं, उतना ही भरोसेमंद भी. फुर्ती ऐसी कि पलक झपकते दुश्मन का काम तमाम कर दें.

दुश्मन के मंसूबों को खाक में मिलाएगा प्रचंड
आसमान के इस स्वदेशी पहरेदार में इतनी आग है कि ये चीन और पाकिस्तान दोनों के मंसूबों को देखते ही देखते खाक में मिला सकते हैं. कारगिल के युद्ध के बाद से ही सेना को ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्टरों की जरूरत महसूस हो रही थी. एलसीएच के आने के बाद सेना अब ऊंचे पहाड़ी इलाकों में होने वाली जंग के लिए पहले से ज्यादा तैयार हो गई है.    

2020 में भी जब आर्मी का चीनी सेना से जो भिड़ंत हुई थी. उसके बाद से सेना ने अपनी हवाई ताकत बढ़ाने का फैसला किया था. थल सेना का मानना है कि ग्राउंड फोर्सेस को ताकत देने के लिए उनकी अपनी हवाई शक्ति होनी जरूरी है. इसलिए थलसेना ने 95 और हेलीकॉप्टर की डिमांड रखी है.

दूसरे लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स से अलग है प्रचंड
एलसीएच को डिजाइन करने में युद्ध से जुड़ी तमाम बारीकियों को ख्याल रखा गया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने युद्ध जैसे हालात में दुश्मन पर हावी होने के लिए इस हेलीकॉप्टर में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बनाए इस LCH में कई खूबियां है. जो इसे दूसरे लड़ाकू हेलीकॉप्टर से अलग बनाती हैं.

क्या है इसकी खासियत?
LCH हेलीकॉप्टर का वजन करीब ढाई टन से 5 टन है, जिसके चलते ये बेहद हल्का है. हालांकि कहने के लिए हल्का है और दुश्मन पर भारी प्रहार करने में सक्षम है. वजन में हल्के होने के साथ ये हजारों फीट की ऊंचाई पर दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है. यानी प्रचंड करीब 16 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है. ये हेलिकॉप्टर कारगिल और लद्दाख जैसे इलाकों में हजारों फीट की ऊंचाई पर दुश्मन को अपने अचूक निशाने से नेस्तनाबूद कर सकते हैं. बर्फ की चोटियों पर माइनस 50 डिग्री सेल्सियस से लेकर. रेगिस्तान में 50 डिग्री तापमान में भी कारगर है. यानी ये हर मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है.

प्रचंड फॉरवर्ड इन्फ्रारेड सर्च, CCD कैमरा और थर्मल विजन और लेजर रेंज फाइंडर से भी लैस है. जिससे आसमान से चीन और पाकिस्तान पर नजर रखने में मदद मिलेगी. LCH आसानी से दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आएगा. दुश्मन हेलिकॉप्टर या फाइटर जेट ने अगर LCH पर अपनी मिसाइल दागी तो ये उसे चकमा भी दे सकता है. वहीं LCH की अधिकतम स्पीड 268 किलोमीटर प्रति घंटा है यानी दुश्मन की एक हरकत और काम तमाम.

एडवांस तकनीक से लैस है प्रचंड
दुनिया का सबसे हल्का स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर जिसकी खूबी केवल ये नहीं है कि वो स्वदेशी है बल्कि ये हेलिकॉप्टर एडवांस तकनीक से भी लैस है. LCH के प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी मिल गई थी. पिछले 15 साल की कड़ी मेहनत के बाद ये लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर बनकर तैयार हुआ. स्वदेशी तकनीक से तैयार लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की खूबियां उसे दुनिया का सबसे बेहतरीन हेलीकॉप्टर बनाती है.
 LCH की चीन सीमा पर तैनाती की खबर अब चीन के साथ पाकिस्तान को भी ये चेतावनी है कि उसकी एक गलत हरकत, उसको नेस्तनाबूद कर सकती है. क्योंकि आने वाले दिनों में थलसेना ही नहीं वायु सेना भी पाकिस्तान सीमा पर भी तैनात करने का प्लान बना रही है.