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Kejriwal Gujarat Visit: 'मोदी सरकार ने किसानों से धोखा किया...' केजरीवाल ने की कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी की मांग, जानिए भारतीय किसानों पर क्या-क्या कहा

केजरीवाल ने रविवार को अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार के इस कदम से वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे. उन्होंने कहा, "मोदी जी सिर्फ अडानी को बचाने और ट्रंप को खुश करने के लिए अपने देश के किसानों की कुर्बानी दे रहे हैं."

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
हाइलाइट्स
  • पहले से भी कम मिलेगा भारतीय किसानों को दाम : केजरीवाल

  • आत्महत्या करने को मजबूर होंगे किसान : केजरीवाल

  • "आप" की मांग, कपास पर वापस 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाए

मोदी सरकार ने अमेरिकी कपास पर लगने वाले 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी को माफ कर देश के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है. इससे अमेरिकी कपास की कीमत हमारे किसानों की कपास से 15-20 रुपए प्रति किलो सस्ती हो जाएगी और अब हमारे किसानों को कपास का दाम 900 रुपए प्रति मन से भी कम मिलेगा. ऐसा कहना है आम आदमी पार्टी के नेशनल कनवीनर अरविंद केजरीवाल का. 

केजरीवाल ने रविवार को अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार के इस कदम से वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे. उन्होंने कहा, "मोदी जी सिर्फ अडानी को बचाने और ट्रंप को खुश करने के लिए अपने देश के किसानों की कुर्बानी दे रहे हैं. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अमेरिकी कपास पर वापस 11 ड्यूटी लगाए, किसानों को कपास पर 2100 रुपए प्रति 20 किलो एमएसपी व खाद-बीज पर सब्सिडी दे. 

किसानों पर भारी इंपोर्ट ड्यूटी की कमी
केजरीवाल इस मुद्दे पर किसानों के साथ मिलकर बात करना चाहते थे लेकिन रविवार को भारी बारिश के कारण चोटीला में होने वाली किसानों की महापंचायत स्थगित हो गई. केजरीवाल ने कहा, "किसानों ने जून-जुलाई के महीने में कपास की बुआई कर दी है. किसानों ने कपास लगाने के लिए बीज, खाद और मजदूरी के लिए कर्ज लिया है. अब भारत के किसानों की कपास की फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार होगी." 

उन्होंने कहा, "हमारे किसान सोच रहे रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर जब उनकी फसल तैयार होगी और उसे मंडी में लेकर जाएंगे और उसका अच्छा दाम मिलेगा. लेकिन किसानों को पता नहीं है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने किस तरह उनके साथ धोखा किया है. अमेरिका में किसानों द्वारा उगाई गई कपास जब भारत में आती है तो उस पर अभी तक 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगती थी." 

इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से ही अमेरिका की कपास भारत में आने पर स्वदेशी किसानों की उगाई गई कपास से महंगी होती थी. केजरीवाल ने कहा कि यही वजह है कि भारत के किसानों की उगाई गई कपास मंडी में आसानी से बिक जाती थी, जबकि अमेरिका से आने वाली कपास को खरीददार नहीं मिलते थे. 

"टेक्सटाइल कंपनियों ने अमेरिका से सस्ती कपास मंगानी शुरू कर दी है"
केजरीवाल ने कहा कि 19 अगस्त से केंद्र की मोदी सरकार ने अमेरिका से आने वाली कपास पर लगने वाले 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दी है. अब अमेरिका से आने वाली कपास भारत के किसानों की कपास से 15 से 20 रुपए प्रति किलो सस्ती हो जाएगी. इस तरह, अमेरिका की कपास भारत में हमारे किसानों की कपास से ज्यादा सस्ती हो जाएगी. 

उन्होंने कहा, "नतीजन, हमारे देश के किसानों की कपास नहीं बिक पाएगी. जब हमारे देश के किसान अक्टूबर-नवंबर में अपनी कपास मंडी में लेकर जाएंगे तो उनकी कपास खरीदने वाला कोई नहीं मिलेगा. भारत की सभी टेक्सटाइल कंपनियों ने पहले ही अमेरिका से बहुत बड़े स्तर पर सस्ती कपास मांगनी शुरू कर दी है." 

इंपोर्ट ड्यूटी की हो वापसी : केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले इंपोर्ट ड्यूटी 40 दिन के लिए हटाई थी, जो 19 अगस्त से 30 सितंबर तक लागू था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे बढ़ा कर 31 दिसंबर कर दिया है. यानी अब 31 दिसंबर तक अमेरिका से आने वाली कपास पर 11 फीसद ड्यूटी नहीं लगेगी. ऐसे में हमारे किसानों के पास कपास को बेचने का कोई भी विकल्प नहीं बचा है. 

उन्होंने कहा कि अब अमेरिका की कपास सस्ती होने की वजह से भारतीय किसानों की कपास नहीं बिकेगी. केजरीवाल ने कहा, "हमारे देश का किसान कर्ज लेकर बीज, खाद खरीद चुका है, मजदूरी दे चुका है. अब वह किसान अपना कर्ज कैसे चुकाएगा? इन किसानों के सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा."