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केरल में मिला मंकीपॉक्स का दूसरा केस, सरकार ने जारी की गाइडलाइन

अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मंकीपॉक्स के इलाज के समय कुछ गाइडलाइन्स का पालन करने को कहा गया है.

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हाइलाइट्स
  • केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा केस

  • केरल सरकार ने जारी की गाइडलाइन

भारत में कोरोना के साथ-साथ अब मंकीपॉक्स के भी कई मामले सामने आ रहे है. जिस कारण अब ये सरकार के लिए भी नया चिंता का विषय बन चुका है. केरल में हाल ही में मंकीपॉक्स एक नए मामले की पुष्टि हुई है. इससे पहले भी केरल में मंकीपॉक्स एक मामला पाया गया था. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को मंकीपॉक्स से संक्रमित या इसके लक्षण दिखने वाले लोगों के लिए आइसोलेशन, इलाज, सैंपल कलेक्शन के नियम जारी किए है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरस है जो जानवरों से इंसानों और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. हालांकि, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मंकीपॉक्स के मामले खतरनाक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में मंकीपॉक्स के लक्षण कुछ ही हफ्तों में अपने आप दूर हो जाते हैं.

अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मंकीपॉक्स के इलाज के समय कुछ गाइडलाइन्स का पालन करने को कहा गया है. केरल सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन में इन बातों पर खास ध्यान देने को कहा गया है: 

1. जिस व्यक्ति ने पिछले 21 दिनों में किसी मंकीपॉक्स के केस पाए जाने वाले देश की यात्रा की है और उसके शरीर पर लाल धब्बे के साथ-साथ बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द या बुखार जैसे अन्य लक्षणों दिखाई दे रहे है. वो व्यक्ति मंकीपॉक्स के वायरस से संक्रमित हो सकता है. मंत्री ने नोटिस में आगे कहा वायरस का खतरा शारीरिक संपर्क या यौन संपर्क से और बढ़ जाता है.

2. पीसीआर टेस्ट के जरिए मंकीपॉक्स के संक्रमण का पता लगाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के एसओपी (SOP- standard operating procedures)  के अनुसार, केरल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों का इलाज अलग से या आइसोलेशन में किया जाएगा.

3. सैंपल प्रयोगशाला में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार जाने चाहिए और उन्हें भेजने के लिए डीएसओ जिम्मेदार होंगे.

4. मरीज के कहने पर ही मरीज को प्राइवेट से सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा और केवल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ही मेडिकल कॉलेजों में भेजा जाना चाहिए.

5. डॉक्टर को मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाते समय, मरीजों को PPE kit N95, गलवस और चश्मे पहनने को कहा है. रोगी के शरीर पर जो भी घाव हो उसे भी ढकना है.
 
6. रोगी को एम्बुलेंस या सिफ्ट करने के बाद इस्तेमाल किए गए उपकरणों को अच्छे से सैनिटाइज करने को कहा गया है. मरीजों  के पहने हुए कपड़ों को फेकने का आदेश है.  

7. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कन्फर्म मंकीपॉक्स के मामलों को  केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना है. इलाज  के समय किसी भी संदेह की स्थिति में राज्य के मेडिकल बोर्ड से परामर्श लिया जाना चाहिए.  

8. एयरपोर्ट पर अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर पर लाल धब्बों  या मंकीपॉक्स जैसे बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं, थर्मल स्कैनर के जरिए मेडिकल टीम द्वारा उनकी जांच की जाएगी.

9. केरल सरकार ने मंगलवार को पुणे से लाए गए टेस्टिंग किट के माध्यम से Alappuzha NIV lab में मंकीपॉक्स से होने वाले इन्फेक्शन की जांच शुरू कर दी है.

मंकीपॉक्स के लक्षण
आमतौर पर मंकीपॉक्स के लक्षण 6-13 दिनों में दिखाई देने लगते हैं. कभी- कभी इनके सामने आने में तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है और यह दो से चार सप्ताह तक चल सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार है, मंकीपॉक्स के लक्षण 5 से 21 दिन में दिखाई देते हैं. इसके कुछ लक्षण जैसे तेज बुखार ,सिर दर्द ,पीठ दर्द, ठंड लगना, थकावट होना है.