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Army की 5 सबसे Dangerous Regiments को जानिए, गोरखा से लेकर राजपूत रेजिमेंट तक हैं शामिल

भारत की सेना दुनिया के सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है. भारतीय सेना ने कई जगहों पर अपने पराक्रम को दिखाया है. भारतीय सेना में कई रेजिमेंट्स हैं, जिनकी निडरता और बहादुरी के किस्से दुनियाभर में फेमस हैं. गोरखा बटालियन से लेकर कुमाऊं रेजिमेंट तक ने दुनियाभर में लड़ाइयां लड़ी हैं और अपनी ताकत दिखाई है.

गोरखा रेजिमेंट गोरखा रेजिमेंट
हाइलाइट्स
  • सेना की सबसे खतरनाक रेजिमेंट गोरखा बटालियन है

  • राजपूत रेजिमेंट भी सबसे खतरनाक रेजिमेंट्स में शामिल

दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में भारत की सेना की गिनती होती है. भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है. दुनिया में अमेरिका की सेना सबसे ताकतवर है. भारत के पास 34 लाख सैनिक हैं. इसमें से 13 लाख सैनिक एक्टिव हैं. देश के दुश्मन हमारी सेना से खौफ खाते हैं. भारतीय सेना में कई रेजिमेंट्स हैं, जो अपनी रणनीतियों से दुश्मनों को मात देते हैं. लेकिन भारतीय सेना में सबसे खूंखार रेजिमेंट्स कौन-कौन हैं. चलिए आपको भारतीय सेना के सबसे खतरनाक रेजिमेंट्स के बारे में बताते हैं...

गोरखा रेजिमेंट-
गोरखा बटालियन को देश की सबसे खतरनाक रेजिमेंट माना जाता है. इसे दुश्मनों का काल कहा जाता है. इसके लड़ाके दुश्मनों पर रहम नहीं खाते हैं. दुश्मन सेनाओं का मनोबल गोरखा रेजिमेंट का नाम सुनते ही टूट जाता है. गोरखा रेजिमेंट की शुरुआत 24 अप्रैल 1815 में हुई थी. इसमें नेपाली गोरखा जवानों को लिया जाता है. इनकी ट्रेनिंग बहुत कठिन होती है. एक कहावत है कि अगर कोई कहे कि वो मौत से नहीं डरता है तो वो या तो झूठ बोल रहा है या वो शख्स गोरखा होगा.

राजपूत रेजिमेंट-
राजपूत रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे खतरनाक रेजिमेंट्स में से एक है. कारगिल युद्ध के दौरान तोलोइंग जैसे पहाड़ी पर तिरंगा फहराया था. राजपूत रेजिमेंट की स्थापना एक अगस्त 1940 को फैजाबाद में लेफ्टिनेंट कर्नल जेई रेडिंग की कमांड में एक टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के तौर पर हुई थी. इसका नाम 12/7 था. लिबरेटर्स ऑफ हैदराबाद नाम से सम्मानित और फाइनेस्ट फोर्टीन कही जाने वाली सेना की इस टुकड़ी ने 15 अगस्त 1947 को बर्मा के रंगून में आजादी का जश्न मनाया था. राजपूत रेजिमेंट ने ऑपरेशन चलाकर जूनागढ़ का भारत में विलय कराया था.

पैराशूट रेजिमेंट-
पैराशूट रेजिमेंट इंडियन आर्मी की सबसे खूंखार रेजिमेंट है. कारगिल युद्ध में पैराशूट बटालियन 6 और 7 ने मुश्कोह घाटी को फतह किया था. जबकि पैराशूट बटालियन 5 ने बाटालिक प्वाइंट पर पर कब्जा किया था. पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल यूनिट पैरा कमांडो ने साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. 

बिहार रेजिमेंट-
बिहार रेजिमेंट की स्थापना 1 नवंबर 1945 को आगरा में लेफ्टिनेंट कर्नल आरसी म्यूलर ने की थी. बिहार रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था. इसके अलावा पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में वीरता का परचम लहराया था. सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में भी बिहार रेजिमेंट के जवानों ने शौर्य का प्रदर्शन किया था. साल 2016 में उरी सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए 15 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. गलवान में 17 जून 2020 को बिहार रेजिमेंट के जवानों ने चीन के छक्के छुड़ाए थे.

कुमाऊं रेजिमेंट-
कुमाऊं रेजिमेंट बहादुरी और निडरता के लिए फेमस है. इस रेजिमेंट की स्थापना 18वीं सदी में थी. 1794 में इसका नाम रेमंट कोर था. 20 साल तक कुमाऊं रेजिमेंट हैदराबाद रेजिमेंट का हिस्सा थी. 27 अक्टूबर 1945 को इसका नाम कुमाऊं रेजिमेंट रखा गया. इस रेजिमेंट का आधिकारिक चिन्ह शेर है, जो एक क्रॉस का निशान पकड़े है. कुमाऊं रेजिमेंट ने आंग्ला-नेपाल युद्ध के दौरान अंग्रेजों की तरफ से लड़ाई लड़ी. भारत का पहला परमवीर चक्र देने वाला रेजिमेंट कुमाऊं रेजिमेंट है. ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचीन में तिरंगा फहराया था.

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