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पुष्पा फिल्म में अल्लू अर्जुन को मजदूर से मालिक बनाने वाले रक्तचंदन क्यों है खास, जानिए

पुष्पा फिल्म में जिस चंदन का जिक्र है, वो असल में रक्त चंदन है. इस रक्त चंदन को लाल सोना भी कहा जाता है. अब आप सोच रहे होंगे की सोना तो लाल होता है फिर इसकी तुलना सोने से क्यों की जा रही है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये चंदन भले ही सोने जैसा दिखता ना हो पर उस कीमत सोने के बराबर ही है.

पुष्पा फिल्म में अल्लू अर्जुन को मजदूर से मालिक बनाने वाले रक्तचंदन क्यों है खास पुष्पा फिल्म में अल्लू अर्जुन को मजदूर से मालिक बनाने वाले रक्तचंदन क्यों है खास
हाइलाइट्स
  • बिना खुशबू का है ये लाल सोना

  • दक्षिणी राज्यों में उगता है ये लाल सोना

अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा द राइज ने धमाल मचा रखा है. उनकी इस फिल्म की चर्चा चारों तरफ हो रही है. ओटीटी पर सभी भाषाओं में आने के बाद इस फिल्म को अपार सफलता मिली है. फिल्म की कहानी एक मजदूर के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका नाम पुष्पराज है. पुष्पराज चंदन की लकड़ियों की तस्करी करता है. इस तस्करी को करते-करते वो फिल्म के अंत में मजदूर से मालिक बन जाता है. पुष्पा फिल्म में जिस चंदन की जिक्र किया गया है, क्या आप उसके बारे में जानते हैं. अगर नहीं तो अब जान लीजिए.

रक्त चंदन को कहा जाता है लाल सोना
दरअसल इस फिल्म में जिस चंदन का जिक्र है, वो असल में रक्त चंदन है. इस रक्त चंदन को लाल सोना भी कहा जाता है. अब आप सोच रहे होंगे की सोना तो लाल होता है फिर इसकी तुलना सोने से क्यों की जा रही है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये चंदन भले ही सोने जैसा दिखता ना हो पर उस कीमत सोने के बराबर ही है. इस चंदन को काफी कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है, और इसकी तस्करी भी उतनी ही ज्यादा होती है.

बिना खुशबू का है ये लाल सोना
जहां एक ओर चंदन अपनी शीतल खुशबू के लिए जाना जाता है, वहीं इस चंदन में कोई भी खुशबू नहीं है. भारत जैसे देश में चंदन केवल एक लकड़ी नहीं है, बल्कि इसकी धार्मिक महत्वता काफी ज्यादा है. इसकी उपयोग अगरबत्ती वगैरह में किया जाता है. आमतौर पर चंदन तीन तरह के होते हैं.  सफेद, लाल और पीला. सफेद और पीले चंदन में खुशबू होती है, वहीं लाल चंदन में कोई खुशबू नहीं होती है.

रक्त चंदन से बनती है शराब
ये लाल चंदन काफी गुणकारी होती है. दरअसल इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधियों में काफी ज्यादा किया जाता है, इस कारण इसकी मांग भी काफी ज्यादा है. आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर इस चंदन की मांग दुनियाभर में है. इतना ही नहीं इस महंगी लकड़ी से फर्नीचर, सजावट के सामान आदि भी तैयार होते हैं. यहां तक की ये चंदन शराब और कॉस्मेटिक की चीजें बनाने के काम में भी आता है.

दक्षिणी राज्यों में उगता है ये लाल सोना
भारत में ये चंदन बहुत ही कम जगहों पर उगता है. पानी में डूबने की क्षमता रखने वाली इस लकड़ी के पेड़ की औसतन ऊंचाई 8 से लेकर 12 मीटर तक होती है.  ये पेड़ तमिलनाडु की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के चार जिलों- नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में उगता है.

खूबसूरत त्वचा के लिए उपयोगी है लाल चंदन
मुंहासे और पिंपल्स त्वचा की एक आम समस्या है जिसका सामना ज्यादातर लोग करते हैं. गुलाब जल और लाल चंदन का फेस पैक मुंहासों और मुंहासों के निशान को कम करने में मदद करता है और इसके शीतल गुणों के कारण मुंहासों से होने वाली जलन को भी कम करता है. बेहतर परिणाम के लिए आप पैक में एक चम्मच शहद और एक चुटकी हल्दी भी मिला सकते हैं.