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2024 तक दिल्ली से हट जाएंगे कूड़े के पहाड़, अब तक 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का हुआ निस्तारण

दिल्ली में लैंडफिल पर सियासत जोर पकड़ रही है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम ने इस कचरे का निस्तारण करने के लिए 44 ट्रॉमल मशीन स्थापित की हैं, जो हर दिन 20 हजार से 22 हजार मीट्रिक टन कचरा निस्तारण कर सकती है.

2024 तक दिल्ली से हट जाएंगे कूड़े के पहाड़, अब तक 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का हुआ निस्तारण 2024 तक दिल्ली से हट जाएंगे कूड़े के पहाड़, अब तक 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का हुआ निस्तारण
हाइलाइट्स
  • कम हो रहा दिल्ली का कचरा

  • दिल्ली में नहीं बनेगी नई लैंडफिल साइट

निगम चुनाव के मद्देनजर आप और बीजेपी में लैंडफिल को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. ऐसे में दिल्ली नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली नगर निगम ने कहा है की तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा लेगेसी कचरे के निस्तारण के लिए 44 ट्रॉमल मशीन स्थापित की हैं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 20,000 से 22000 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निस्तारण करना है. दिल्ली नगर निगम ने अब तक 77 लाख मीट्रिक टन लेगेसी कचरे का निस्तारण किया है. 

कम हो रहा दिल्ली का कचरा
जिसके फलस्वरूप ओखला लैंडफिल साइट पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 15 मीटर तक कम कर दी गई है, भलस्वा लैंडफिल साइट पर 11 मीटर ऊंचे एक ढेर को पूरी तरह निस्तारित कर दिया गया है तथा 12 मीटर ऊंचे दूसरे ढेर को निस्तारित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है. इसके साथ ही गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कुछ स्थानों पर कचरे के ढेर की ऊंचाई 12 से 18 मीटर तक कम कर दी गई है. भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट को दिसंबर 2023 तक पूरी तरह समतल कर दिया जाएगा, वहीं गाजीपुर लैंडफिल साइट को मार्च 2024 तक समतल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

आपको बता दें कि दिल्ली  में प्रतिदिन 11000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है. दिल्ली नगर निगम के पास इसमें से 8213 मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण करने की क्षमता है जो कि प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का 75 % है. निगम 557 टन कचरा प्रतिदिन कम्पोस्टिंग संयंत्रों, 256 टन प्रतिदिन एमआरएफ एवं 7400 टन प्रतिदिन वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र की सहायता से निस्तारित करता है, जो ओखला,बवाना एवं गाजीपुर में स्थित हैं. 1700 टन प्रतिदिन कचरा ओखला लैंडफिल साइट, 2200 टन कचरा प्रतिदिन भलस्वा एवं 1700 टन कचरा प्रतिदिन गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जाता है .तेहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के आरंभ होने से ओखला लैंडफिल साइट पर जाने वाले कचरे की मात्रा घटकर 400 से 500 टन प्रतिदिन रह गई है. प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे एवं निस्तारित कचरे के मध्य 3475 मीट्रिक टन प्रतिदिन का अंतर है. अगस्त 2025 में नरेला-बवाना में बनने वाले वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के निर्माण के  के बाद कचरा निस्तारण का  अंतर कम करने की संभावना है.  दावा है की  निगम सितंबर 2023 तक ओखला स्थित बायो सीएनजी संयंत्र की क्षमता को 300 टन प्रतिदिन तक संवर्धित कर देगा.

इस तरह से हो रहा है कचरे का निस्तारण
लैंडफिल साइटों से प्रतिदिन लगभग 1200 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है जिसमें से 100 मीट्रिक टन प्रतिदिन आरडीएफ जे.के. सीमेंट उठा रही है तथा बाकी आरडीएफ चार वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में इस्तेमाल होता है. अब तक जे.के. सीमेंट द्वारा लगभग 3359 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया गया है. अबतक लैंडफिल साइटों से 30000 मीट्रिक टन इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा उठाया जा चुका है तथा अगले दो हफ्तों में 15000 मीट्रिक टन इनर्ट और निर्माण एवं विध्वंस कचरा और उठा लिया जाएगा.

दिल्ली में नहीं बनेगी नई लैंडफिल साइट
दिल्ली में कोई भी नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है. बल्कि निगम मार्च 2024 तक लैंडफिल साइटों को दिल्ली के मानचित्र से हटाने को लेकर प्रयत्नशील है. निगम की 16 नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की कोई भी योजना नहीं है तथा ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.