
मुनव्वर राना साहब ने क्या खूब लिखा है-चलती फिरती आंखों से अजां देखी है...मैंने जन्नत तो नहीं देखी मां देखी है. सोचिए उस बच्चे के बारे में जो अभी इस संसार में आया ही है. उसके लिए तो उसकी मां दुनिया, जन्नत, खुदा...और सबकुछ. लेकिन, ये क्या...जन्म देते ही मां उसे अस्पताल में छोड़कर रुखसत हो जाती है. बताया जा रहा है कि बच्चा जन्म से ओसिपिटल मेनिनजो इंसेफालोसिल नामक बीमारी से पीड़ित था. इस बीमारी में सिर के पीछे का भाग बाहर निकलकर एक थैली की तरह बन जाता है और यह दो सिर की तरह दिखाई देता है. यह हिस्सा ब्रेन और स्किन से भी जुड़ा रहता है.
मेनिनजो इंसेफालोसिस नामक बीमारी से पीड़ित था बच्चा
ऐसा बच्चे को देखकर परिवार के लोग चुपके से उसे रिम्स में ही छोड़कर भाग निकले. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस से संपर्क किया. जांच की गई तो पता फर्जी निकला. इसके बाद डॉक्टरों की एक टीम ने उसे गोद लेने का निर्णय लिया. डॉक्टरों द्वारा चलाई जा रही NGO बच्चे का ख्याल रख रही है.
10 दिन बाद मिलेगी बच्चे को अस्पताल से छुट्टी
रिम्स में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर सहाय ने बताया-'डॉक्टरों की टीम ने 2 घंटे तक ऑपरेशन कर बच्चे के सिर से अतिरिक्त गठरी को हटा दिया है. अगले 3 दिन तक नवजात बच्चे को चिकित्सकों की गहन निगरानी में रहेगा. मेजर सर्जरी के बाद उसे बताया गया है, फीडिंग भी बच्चे की जिम्मेदारी लेने वाली एक गैर सरकारी संस्था चम्मच से करा रही है. 10 दिन बाद उसे छुट्टी मिल जाएगी.
क्या है मेनिनजो इंसेफालोसिल नाम की बीमारी
मेनिनजो इंसेफालोसिल एक जन्मजात बीमारी है, इसमें खोपड़ी के हड्डी से पार्ट बाहर निकल जाते हैं. सिर के बाहर एक थैली के रूप में जमा हो जाते हैं. खोपड़ी के हिस्से के साथ इसमें स्किन भी जुड़ा रहता है. जीवन भर बच्चे को इससे जूझना पड़ेगा. इसके साथ अन्य बीमारियों के होने होने की संभावन बनी रहती है. जैसे स्पाइनल कॉर्ड के भी बाहर आने के चांस रहते हैं. इसे मेनिंनजो माइनोसील कहते है.