scorecardresearch

8 दिसंबर को राष्ट्रीय पार्टी के ग्रुप में आम आदमी पार्टी की एंट्री का रास्ता हो जाएगा साफ

आठ दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी के रूप में देश को एक नया राष्ट्रीय राजनीतिक दल मिल जाएगा.

AAP supporters celebrates the victory of the party in the MCD eletions AAP supporters celebrates the victory of the party in the MCD eletions
हाइलाइट्स
  • आम आदमी पार्टी को मिल सकता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

  • गुजरात चुनाव में 2 सीटें जीतने पर मिलेगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय दलों के ग्रुप में एंट्री रास्ता साफ हो जाएगा. यानि इस साल आम आदमी पार्टी के रूप में देश को एक नया राष्ट्रीय राजनीतिक दल मिल जाएगा. अबतक देश में कुल 7 राष्ट्रीय दल हैं. कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी. 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी होने की पात्रता पूरा करने में सक्षम हो जाएगी.

दिल्ली, पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो सीटें जीतने के बाद अब गुजरात और हिमाचल में मिले मत प्रतिशत आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय दल (National Party) का दर्जा दिला सकते हैं. हालांकि एमसीडी में जीत आंकड़े और हौसला बढ़ाने को तो सही हैं अलबत्ता उसका राष्ट्रीय दल बनाने की प्रक्रिया में कोई योगदान नहीं.

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलने के बाद राजधानी दिल्ली में बड़ा दफ्तर और पूरे देश में एक चुनाव चिह्न के साथ साथ अन्य बहुत सी सुविधाएं भी मिलेंगी.

नेशनल पार्टी बनने की शर्तें

हमारे देश में तीन स्तर की पॉलिटिकल पार्टियां हैं. राष्ट्रीय पार्टी, राज्य स्तरीय पार्टी और क्षेत्रीय पार्टी. देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा राज्य स्तर के 35 राजनीतिक दल हैं. अभी 250 से ज्यादा क्षेत्रीय दल मौजूद हैं.

सी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए कुछ शर्तें, नियम और पात्रता होती हैं. लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन, वोट शेयर, कई राज्यों में मान्यता, विधानसभा चुनावों में ज्यादा राज्यों में वोट शेयर से संबंधित नियमों के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता दी जाती है. जो भी पार्टी इन शर्तों में से कोई एक कसौटी पर खरा उतर जाती है उसे राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता दे दी जाती है.

अव्वल तो ये कि कोई राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव के दौरान तीन राज्यों में लोकसभा की  2 फीसदी यानी 11 सीटें जीते. कोई पार्टी चार या इससे ज्यादा राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखती हो.

कोई राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटा ले.

क्या कहते हैं जानकार  

संविधान विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कश्यप के मुताबिक राष्ट्रीय दल होने की तीन मुख्य शर्तों या पात्रता में से एक शर्त ये है कि कोई भी राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे. फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे अधिक राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए.

गोवा में भी आप ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं.

चुनाव के राजनीतिक नियमों के जानकार केजे राव के मुताबिक चुनाव आयोग के सफाई अभियान के बाद अब देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं. लेकिन इनमें से महज 7 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है.

ये होंगे फायदे
किसी भी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता मिलने के कई फायदे होते हैं. सबसे पहला फायदा तो जाहिर है मान्यता यानी स्तर को लेकर ही है. राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है.
निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएँ भी देता है जैसे, पार्टी को एक स्थायी चुनाव चिन्ह का आवंटन करना. निर्वाचन सूची मुफ्त और अनिवार्य तौर पर प्राप्त करने की सुविधा. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविज़न और रेडियो प्रसारण के लिए समय दिए जाने की अनुमति देना ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें.

नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के प्रस्तावकों की संख्या बढ़ जाती है. साथ ही नेशनल मीडिया पर फ्री एयरटाइम मिल जाता है. इससे पार्टी की पहुंच बढ़ने में आसानी होती है.  

राज्य स्तर की पार्टी के लिए शर्तें

स्टेट पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए भी नियम और शर्तें हैं. अव्वल तो ये कि चुनाव आयोग से किसी भी मान्यता प्राप्त दल को प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) या यूं कहे कि स्टेट पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए आठ फीसद वोटों की जरूरत होती है. संबंधित राज्य में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 8 प्रतिशत वोट पाने की जरूरत होती है.

यदि किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में छह फीसदी वोट और दो सीटें मिलती है तो उसे भी प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है.

प्रादेशिक दल का दर्जा प्राप्त करने एक और तरीका है कि संबंधित राज्य में विधानसभा में कम से कम तीन सीटें मिल जाएं भले ही वोटों की हिस्सेदारी कुछ भी हो.

यानी चुनावी नतीजों से ये साफ है कि आम आदमी पार्टी आठ दिसंबर को राष्ट्रीय दल की पात्रता पूरी कर लेगी. संभव है 2022 में ही वो इसका दावा करे और इसी साल उसे ये मान्यता मिल भी जाए.

ये भी पढ़ें: