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Gujarat: गुजरात में भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं, पशु-पक्षी भी परेशान, यह चैरिटेबल ट्रस्ट इलाज कर बचा रहा जान

Life Disrupted Due to Heat: गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट में भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं. अस्पतालों में हाई फीवर, उल्टी, डीहाईड्रेशन के केस इन दिनों ज्यादा आ रहे हैं. पशु-पक्षी भी गर्मी से बेहाल हैं. भीषण गर्मी से वे पक्षी ज्यादा परेशान होते हैं, जो अपने बच्चों के खाने की व्यवस्था करने के लिए लंबी दूरी तक जाते हैं.

Birds (Photo: PTI) Birds (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • बिल्ली और कुत्ते भी हीटस्ट्रोक के होते हैं शिकार 

  • पशु-पक्षियों के लिए अपने आसपास करें पानी की व्यवस्था 

गुजरात में इन दिनों भीषण गर्मी जारी है. इससे इंसान ही नहीं, पशु-पक्षी भी परेशान हैं. पिछले दिनों इस राज्य के कई शहरों में पारा 42 डिग्री के पार कर गया था. फिलहाल 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान दर्ज किया जा रहा है. गर्मी की वजह से अनेक लोग बीमार हो रहे हैं.

आंकड़ों के अनुसार इस अप्रैल महीने के 20 दिनों में गर्मी से परेशान होकर अलग-अलग बीमारियों की चपेट में आए लोग 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सर्विस को 1500 से अधिक कॉल्स कर चुके हैं. भीषण गर्मी से अकेले अहमदाबाद में लगभग 2,000 पशु और पक्षियों के हाल बेहाल है, जिनका इलाज किया गया है. 

सबसे ज्यादा यहां दर्ज किए जा चुके हैं केस
गर्मी से लोगों को हो रही समस्या की बात करें तो सबसे ज्यादा केस अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, वलसाड, छोटाउदेपुर, राजकोट, नवसारी में दर्ज किए गए हैं. भीषण गर्मी की वजह से 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सर्विस को 1500 कॉल रिसीव हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 1278 केस हाई फीवर, 58 केस उल्टी, 52 केस डीहाईड्रेशन के दर्ज हुए हैं. अहमदाबाद स्थित सिविल हॉस्पिटल की बात करें तो हीटस्ट्रोक के लिए विशेषरूप से शुरू किए गए वार्ड में अप्रैल के 20 दिनों में 180 से ज्यादा मरीज एडमिट किए गए हैं.

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बीतें 20 दिनों में इतने का किया जा चुका है इलाज
गुजरात में पड़ रही भीषण गर्मी से पशु और पक्षी भी परेशान हैं. अहमदाबाद के पांजरापोल स्थित जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट में बीतें 20 दिनों में 1500 पक्षी और 500 पशुओं को इलाज के लिए लाया गया है. गर्मी में पशु और पक्षियों को हो रही समस्याओं के बारें में जीवदया चैरिटेबल ट्रस्ट के डॉक्टर रौनक पंचाल ने बताया कि गर्मी की वजह से बीतें 20 दिनों में 2,000 पशु और पक्षियों को इलाज के लिए लाया गया है. भीषण गर्मी से वे पक्षी ज्यादा परेशान होते हैं, जो अपने बच्चों के खाने की व्यवस्था करने के लिए लंबी दूरी तक जाते हैं और वापिस आते हैं. पक्षियों में कबूतर, तोता, कौआ, बुलबुल, चील बड़ी संख्या में गर्मी से परेशान होते हैं.

हीटस्ट्रोक के होते हैं शिकार 
डॉ. रौनक पंचाल ने बताया कि पशुओं में बिल्ली और कुत्ते भी हीटस्ट्रोक के शिकार होते हैं. इन्हें सांस लेने में समस्या होती है. इस साल जिस तरह भीषण गर्मी पड़ रही है, उसकी तुलना पिछले साल से करें तो इस बार अप्रैल महीने में 25 प्रतिशत केस ज्यादा दर्ज हो रहे हैं. डॉ. रौनक ने बताया कि कई लोग निःस्वार्थ भावना से हमारे यहां गर्मी से बीमार पशु और पक्षी का रेस्क्यू करके लाते हैं.

जिनका प्राथमिक इलाज कर जरूरत के हिसाब से यहां रखा जाता है. उन्होंने कहा कि इस भीषण गर्मी में लोगों से अपील है कि वे अपने आसपास किसी बीमार पशु या पक्षी को गर्मी से बेहाल देखें तो हमारे यहां लाएं. हम इलाज करेंगे. विकास के लिए काटे जा रहे पेड़ों की वजह से पक्षियों को बहुत परेशानी हो रही है. कई बार गर्मी से ज्यादा परेशान होकर पक्षियों की मौत भी हो जाती है. डॉ. रौनक पंचाल ने कहा कि पशु-पक्षियों के लिए हो सके तो लोग अपने आसपास पानी की भी व्यवस्था करें.