
काशी विश्वानाथ मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. सर्दी, गर्मी, बरसात किसी भी मौसम में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं होती. ऐसे में काशी विश्वानाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्त अब कागज के चप्पल पहन पाएंगे. सर्दियों के मौसम में भक्तों को ठंड से बचाने के लिए ये फैसला लिया गया है कि भक्त अब मंदिर में कागज के चप्पल पहन सकेंगे. खादी और ग्राम्य इंडस्ट्री कमीशन के जरिए ये चप्पल बनायी जाएंगी, जोकि एनवायरमेंट फ़्रेंडली होने के साथ-साथ हजारों लोगों को रोजगार भी देंगी.
वाराणसी का भव्य काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके कॉरिडोर में पुजारी, सेवादार, सुरक्षाकर्मी और भक्तों किसी को भी जूते-चप्पल पहनने की इज्जात नहीं हैं. लेकिन अब खादी और ग्रामीण इंडस्ट्री कमीशन के जरिए पेपर की ऐसी चप्पल बनायी गयी है जिसे यहां लोग पहन सकते हैं. ये चप्पल कागज की बनी हुई होने की वजह से ठंड हो या गरमी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के पैरों को राहत देंगी. अहमदाबाद केवीआइसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का कहना है कि ये चप्पल यहां बने इतने बडे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लोगों के पैरों को ठंड और गर्मी में राहत देंगे, साथ ही ये एनवायरमेंट फ्रेन्ड्रली भी हैं.
एक हफ्ते तक इस्तमाल हो सकती है ये चप्पल
दरअसल ये चप्पल हैंड मेड पेपर से बनायी जाएगी. ये चप्पल एक हफ्ते तक इस्तमाल हो सकती हैं. खादी विभाग का मानना है कि ये एक ऐसी शुरुआत है जो इसे बनाने वाले हजारों लोगों को रोजगार देगी. विनय कुमार सक्सेना ने इन चप्पलों के बारे में बताया कि फिलहाल इस चप्पल का प्रोडशन दिन के 200 से 300 का है, लेकिन हम इसे 5000 तक ले जा सकते हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में कागज की इन चप्पलों के उत्पादन से लोगों को रोजगार और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को धूप और ठंड से राहत मिल पाएगी.