

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया. इस कर्तव्य भवन में कई मंत्रालयों और विभागों को शिफ्ट किया जाएगा. आपको मालूम हो कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मंत्रालय हैं, जिन्हें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत अब एक ही जगह कर्तव्य भवन में शिफ्ट किया जा रहा है.
बनाए जाने हैं 10 कर्तव्य भवन
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 कर्तव्य भवन बनाए जाने हैं. इन कर्तव्य भवनों में से कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया. शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अगले महीने सितंबर तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार जाएंगे. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित अन्य सात कर्तव्य भवन अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. इस परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
कर्तव्य भवन-3 में होंगे ये मंत्रालय
कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME, कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का ऑफिस होगा. ये मंत्रालय अभी शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन में थे. वहां से अब ये कर्तव्य भवन में शिफ्ट होंगे. अभी जो नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में मंत्रालय हैं, वे सभी कर्तव्य भवन में शिफ्ट होंगे.
कर्तव्य भवन-3 में किस फ्लोर पर कौन सा होगा मंत्रालय
1. फर्स्ट फ्लोर पर पेट्रोलियम मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय होगा.
2. सेकेंड फ्लोर पर MSME और कार्मिक मंत्रालय होगा.
3. थर्ड फ्लोर पर विदेश मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का ऑफिस होगा.
4. चौथे और पांचवें तल पर गृह मंत्रालय होगा.
5. छठवें तल पर इंटेलिजेंस ब्यरो का ऑफिस होगा.
कर्तव्य भवन-3 की खासियत
1. कर्तव्य भवन-3 लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है.
2. कर्तव्य भवन-3 में दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6 मंजिल) हैं.
3. इस भवन में 850 ऑफिस रूम, 24 मुख्य कॉन्फ्रेंस हॉल हैं. हर एक कॉन्फ्रेंस हॉल में 45 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है.
4. 26 छोटे कॉन्फ्रेंस हॉल हैं, प्रत्येक में 25 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है.
5. कर्तव्य भवन-3 में 67 मीटिंग रूम हैं. हर एक मीटिंग रूम की क्षमता 9 लोगों की है.
6. कर्तव्य भवन के परिसर में 600 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है.
7. कर्तव्य भवन-3 में 700 CCTV कैमरे, 120 EV चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था की गई है.
8. पूरे भवन की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर बनाया गया है, जहां से परिसर व अंदर के गलियारों पर पैनी नजर रखी जाएगी.
9. इस भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है.
10. इस भवन में ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्ट्स और बिजली के उपयोग को प्रबंधित करने की एक उन्नत प्रणाली लगाई गई है.
11. इस भवन की छत पर 366 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया गया है, जिससे सालाना 5.34 लाख यूनिट बिजली की बचत होगी.
12. इस भवन को ठंडा रखने और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें कांच की विशेष खिड़कियां लगाई गई हैं.
13. इस भवन में योगा, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल भी हैं.
14. इस भवन में 27 लिफ्ट हैं. 27 सेंट्रलाइज एयर कंडीशन हैं. साथ ही दो स्वचालित सीढ़ियां लगी हैं.
कर्तव्य भवन बनाने की क्यों पड़ी जरूरत
आपको मालूम हो कि अभी कई मंत्रालय शास्त्री भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन आदि में चल रहे हैं. ये भवन 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे. ये भवन अब काफी पुराने हो गए हैं. इनके रखरखाव पर सलाना खर्च काफी आ रहा है. ऐसे में इन मंत्रालयों को नए और अत्याधुनिक भवनों में शिफ्ट करने के लिए कर्तव्य भवन बनाने की जरूरत पड़ी. अभी सवाल उठ रहा है कि नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में जो मंत्रालय हैं, वो जब कर्तव्य भवन में शिफ्ट हो जाएंगे तो नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का क्या होगा? सरकार इन दोनों ब्लॉक को खाली कराकर इन्हें म्यूजियम में तब्दील किया जाएगा. इसका नाम युगे युगीन भारत म्यूजियम रखा जाएगा. नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा.