
उत्तर प्रदेश की चर्चित एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या का विवाद ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. लेकिन एसडीएम ज्योति मौर्या के पति आलोक मौर्या एक बार फिर चर्चा में हैं. लेकिन इस बार एक नई शुरुआत और खुद को साबित करने की जिद के चलते चर्चा में है. आलोक मौर्या को कानपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्यालय परीक्षा केंद्र पर UPPSC RO/ARO की परीक्षा में शामिल होते देखा गया.
पति-पत्नी के विवाद से आए थे सुर्खियों में-
आलोक मौर्य की ये तस्वीर कैमरे में कैद हुई, जब वे परीक्षा केंद्र से बाहर निकल रहे थे. बिना किसी बयान के शांत अंदाज में वे वहां से निकले, लेकिन उनकी हाजिरी ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है.
गौरतलब है कि एक समय एसडीएम ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य के बीच का निजी विवाद सार्वजनिक मंचों तक पहुंचा था. दोनों के रिश्ते की दरार और फिर गुजारा भत्ता को लेकर कानूनी लड़ाई काफी चर्चा में रही. उस वक्त आलोक मौर्य ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने अपनी पत्नी की पढ़ाई और करियर के लिए सबकुछ किया. लेकिन बाद में उन्हें धोखा मिला.
सोशल मीडिया पर वायरल-
अब आलोक मौर्य लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ रहे हैं, चाहे वह PCS हो, RO/ARO हो या अन्य सिविल सर्विसेज. माना जा रहा है कि यह उनके आत्मसम्मान और संघर्ष की एक नई शुरुआत है.
आलोक मौर्य के बारे में सोशल मीडिया पर एक लाइन तेजी से वायरल हो रही है. ये लाइन 'ठुकरा कर मेरा प्यार, अब मेरा इंतकाम देखोगी' है. यह महज एक डायलॉग नहीं, बल्कि आलोक मौर्या की जिद और मेहनत की एक झलक बन गया है.
क्या था दोनों के बीच विवाद-
ज्योति मौर्य उत्तर प्रदेश में SDM के पद पर हैं और एक मजबूत प्रशासनिक अधिकारी मानी जाती हैं. वहीं, आलोक मौर्या पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं. उनका दावा था कि उन्होंने ही अपनी पत्नी की पढ़ाई और तैयारी में योगदान दिया. बाद में दोनों के बीच मतभेद बढ़े और मामला तलाक व गुजारा भत्ता तक पहुंच गया.
अब क्या है तस्वीर?
फिलहाल दोनों एक-दूसरे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर रहे. लेकिन आलोक मौर्या का हर परीक्षा में शामिल होना एक संकेत है कि वे अब खुद को फिर से स्थापित करने के मिशन पर हैं.
ज्योति मौर्य की कहानी जहां एक सफल महिला अफसर की है, वहीं आलोक मौर्या की कहानी अब एक ऐसे शख्स की बन रही है, जो मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानता. आने वाले समय में कौन कहां खड़ा होता है, ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन एक बात तय है ये कहानी अब सिर्फ तलाक और विवाद की नहीं, बल्कि संघर्ष और आत्मसम्मान की भी बन चुकी है.
(आनंद राज की रिपोर्ट)
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