
पंजाब में उद्योगों के लिए एक नई क्रांतिकारी नीति की घोषणा की गई. इसे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने साझा किया. इस नीति का उद्देश्य राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देना और निवेशकों के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करना है.
अब उद्योगों के लिए इतने दिनों में अनुमतियां
आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पंजाब सरकार ने एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत किसी भी उद्योग को 45 दिनों के भीतर सभी सरकारी अनुमतियां दी जाएंगी. यदि 45 दिनों के भीतर अनुमतियां नहीं दी जाती हैं, तो डीम्ड अप्रूवल की प्रक्रिया लागू होगी. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में ऐसी कोई नीति नहीं है, जो 45 दिनों में अनुमतियां सुनिश्चित करती हो. यह केवल एक ईमानदार सरकार ही कर सकती है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आज कहीं भी पंजाब जैसी सरकार नहीं है.
इतने करोड़ तक की MSME निवेश के लिए अनुमोदन की आवश्यकता नहीं
केजरीवाल ने MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) के लिए एक और बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि 125 करोड़ तक के निवेश के लिए अब किसी सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी. यह कदम छोटे और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है. उन्होंने कहा कि हम आपको ऐसा सिस्टम देंगे कि आप तरक्की करें, लेकिन सब्सिडी पर निर्भर न रहें.
पंजाब को निवेश के लिए सबसे बेहतर गंतव्य बनाने का लक्ष्य
पंजाब सरकार ने 24 सेक्टर-विशिष्ट कमेटियों का गठन किया है, जिनमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. इन कमेटियों का उद्देश्य पंजाब को देश और दुनिया में निवेश के लिए सबसे बेहतर गंतव्य बनाना है. केजरीवाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि हर सेक्टर के लिए ऐसी नीति बने, जो पंजाब को निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान बनाए.
पिछले सिस्टम से बदलाव
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पिछले 'वसूली सिस्टम' की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने इसे बदलने के लिए पिछले तीन सालों में कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि हमने एक ईमानदार सरकार बनाई है, और अब पंजाब को औद्योगिक विकास के मामले में आगे ले जाने का समय है.
सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर
अरविंद केजरीवाल ने सब्सिडी पर निर्भरता को कम करने की बात कही और उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक और नवाचारी बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट ही सही रास्ता है. सब्सिडी पर निर्भरता से उद्योगों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता.
जनता को निर्णय लेने का अधिकार
केजरीवाल ने वसूली सिस्टम के पुराने दौर को याद किया, जब उद्योग डर के माहौल में काम करते थे और राज्य की अर्थव्यवस्था पिछड़ गई थी.अब सरकार जनता को मालिक मानकर काम करेगी, जहां अधिकारी सहायक के रूप में कार्य करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार जनता को निर्णय लेने का अधिकार दे रही है. उन्होंने कहा कि हम आपके असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगे. आप निर्णय लीजिए और हम उसे लागू करेंगे. पंजाब सरकार की यह नई नीति राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेशकों के लिए एक अनुकूल माहौल तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.