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Indian Railways: एसी में सफर को सस्ता बनाने के लिए शुरू किए गए थे 'इकनॉमी' AC-3 कोच, कमाई इतनी हुई कि हर कोई चौंक गया

रेलवे को इकोनॉमी एसी-3 से बहुत ज्यादा फायदा हुआ है. सालभर में ही इकोनॉमी एसी 3 कोच से रेलवे को शानदार 231 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इकनॉमी एसी-3 के कोच में 83 सीट होती हैं.

Railway Economy Class Railway Economy Class
हाइलाइट्स
  • साइड में होती हैं तीन बर्थ 

  • लगातार बढ़ी कमाई

यात्रियों के लिए ट्रेन का सफर और सुगम बनाने के लिए रेलवे ने 'इकनॉमी' AC-3 कोच की शुरुआत की थी. आमतौर पर जिन लोगों को ट्रेन में टिकट नहीं मिलता उन्हें अक्सर इसमें आसानी से टिकट मिल जाता है. रेलवे ने इसका टिकट सामान्य एसी-3 टायर से कम रखा है. रेलवे के लिए खुशखबरी ये है कि उसका इकोनॉमी एसी-3 कोच का प्रयोग सफल रहा है. शुरुआत के सालभर में ही इकोनॉमी एसी 3 कोच से रेलवे को शानदार 231 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.

खास बात ये है कि इस दौरान सामान्य एसी-3 कोच में यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है. यानि सामान्य एसी-3 क्लास की कमाई पर इकोनॉमी एसी-3 कोच का कोई असर नहीं हुआ है. आंकड़ों से यह भी साफ होता है क‍ि इन कोच की शुरुआत से सामान्य एसी-3 श्रेणी (AC 3rd Class) से होने वाली कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा है. 'इकनॉमी' एसी-3 कोच सस्ती एयर कंडीशनर रेल यात्रा सेवा है.

लगातार बढ़ी कमाई
अगस्त 2021 से अगस्त 2022 के बीच 21 लाख से ज्यादा लोगों ने इकोनॉमी एसी-3 में यात्रा की. इससे रेलवे को 231 करोड़ की कमाई हुई. इस साल यानी 2022 के अप्रैल से अगस्त के बीच इकोनॉमी एसी-3 कोच में 15 लाख लोगों ने यात्रा की,  जिससे 177 करोड़ रुपये की कमाई हुई. इसी अवधि में 3 एसी श्रेणी का इस्तेमाल करने वाले करीब 7 करोड़ यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई, जिससे रेलवे को 8,240 करोड़ रुपये मिले हैं. 

साइड में होती हैं तीन बर्थ 
आपको बता दें कि स्लीपर कोच में यात्रा करने वालों को सबसे अच्छी और सबसे सस्ती एसी यात्रा मुहैया कराने के लिए इकोनॉमी एसी-3 कोच की शुरुआत की गई थी. इकोनॉमी एसी-3 की यात्रा सामान्य 3 एसी की तुलना में 6 से 7 प्रतिशत कम कीमत पर होती है. इकनॉमी एसी-3 के कोच में 83 सीट हैं, जबकि सामान्य एसी-3 कोच में 72 सीटें होती हैं. सामान्य एसी-3 कोच में साइड बर्थ 2 होती हैं, जिन्हें इकोनॉमी एसी-3 कोच में बढ़ाकर 3 कर दिया गया है. इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच इकोनॉमी एसी-3 कोच में 15 लाख लोग यात्रा कर चुके हैं. अब आगे नवरात्र, दीवाली और छठ जैसे त्योहार हैं, जिसमें बड़ी संख्या में दूसरी जगह काम करने वाले लोग घर जाते हैं. लिहाजा इकोनॉमी एसी-3 कोच से रेलवे को और ज्यादा कमाई हो सकती है.