
महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए कानून में प्रस्तावित संशोधन की जांच कर रही संसदीय स्थायी समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक और समय दिया गया है. रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा, जून में बढ़ाकर 24 जुलाई कर दी गई थी. अब इसे तीन महीने के लिए बढ़ाकर 24 अक्टूबर कर दिया गया है.
आपको बता दें कि बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 के प्रावधानों की जांच कर रहे महिलाओं, बच्चों, युवाओं और खेल मामलों के पैनल को मूल रूप से मार्च तक तीन महीने का समय दिया गया था और फिर इसे 24 जून तक बढ़ा दिया गया था.
बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 का प्रस्ताव
जून में दिया गया महीने भर का समय, भाजपा से समिति के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्ध के छह साल के कार्यकाल के खत्म होने से ठीक पहले आया. उनका कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. अब एक नए अध्यक्ष का नामांकन होना बाकी है. विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में 21 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मांग की थी कि विधेयक को आगे की जांच के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जाए.
तत्पश्चात सहस्रबुद्ध के नेतृत्व वाली स्थायी समिति को उस विधेयक की जांच करने का कार्य सौंपा गया था, जो सरकार के अनुसार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन करने का प्रस्ताव करती है.