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Toxic Work Culture: ऑफिस टाइम के बाद कॉल्स से परेशान हुई महिला, Reddit पर उठाया टॉक्सिक वर्क कल्चर का मुद्दा

टॉक्सिक वर्क कलचर को लेकर Reddit नामक सोशल मीडिया पर एक बार फिर से बहस तेज हो गई है. दरअसल एक महिला ने ऑफिस टाइमिंग के बाद कॉल करने और काम करवाने से मेंटल हेल्थ खराब होने का कंपनी पर आरोप लगाया है.

Toxic Work Culture Toxic Work Culture
हाइलाइट्स
  • टॉक्सिक वर्क कल्चर का मुद्दा

  • महिला ने कंपनी पर लगाया मेंटल हेल्थ खराब करने का आरोप

  • Reddit पर उठाया मुद्दा

सिंगापुर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में हाल ही में नौकरी कर रही एक महिला ने महज तीन महीने के अंदर ही खुद को मानसिक रूप से परेशान बताया है. दरअसल महिला ने Reddit पोस्ट पर लिखा है कि कंपनी के लोग छोटी सी चीज भी खुद करने को तैयार नहीं हैं. पोस्ट वर्किंग ऑवर्स में भी मुझसे पूछते हैं कि मैं ऑफिस से क्यों जा रही हूं. महिला का कहना है कि ऑफिस का माहौल इतना टॉक्सिक हो गया है कि वह अब नौकरी छोड़ने तक के बारे में सोच रही हैं. यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर सामने आया है, जहां महिला ने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. जिसके बाद Reddit पर कमेंटस की बहार आ गई और लोग तरह-तरह के रिएक्शन उनके पोस्ट पर दे रहे हैं. 

दूसरे एंप्लाई पर लगाया पर्सनल स्पेस क्रास करने का आरोप
महिला कर्मचारी ने आगे बताया कि उसकी टीम उसे बिल्कुल भी पर्सनल स्पेस नहीं देती है. महिला के मुताबिक, दूसरे एंप्लाई उससे हर समय तुरंत ही जवाब देने की उम्मीद रखते हैं. अगर वह किसी मैसेज का जवाब 2 से 3 मिनट के अंदर नहीं देती, तो उसके पास लगातार कॉल आने लगते हैं. उसने आगे बताया कि यह सिलसिला कई बार तो ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद भी चलता रहता है. महिला का कहना है कि ऑफिस टाइमिंग के बाद भी कॉल आना उसकी मानसिक सेहत पर असर डाल रहा है और वह इस कारण हर वक्त खुद को काम के दबाव से घिरा महसूस करती है. वहीं कर्मचारी ने यह भी आरोप लगाया कि टीम के कुछ लोग बेहद छोटे काम भी खुद नहीं करना चाहते और ऑफिशियल स्लाइड में सिर्फ एक वैल्यू बदलने जैसे आसान काम के लिए भी उसे ईमेल या मैसेज कर देते हैं. 

नौकरी छोड़ने को लेकर मांगी सलाह
लगातार बढ़ते दबाव और मानसिक थकान के चलते महिला ने Reddit पर दूसरे यूजर्स से सलाह मांगी है. उसने पूछा कि क्या उसे ऐसी स्थिति में नौकरी छोड़ देनी चाहिए या फिर कुछ समय और रुककर कंपनी को समझना चाहिए. महिला ने कहा कि उसे समझ नहीं आ रहा कि वह इस माहौल में कितने समय तक खुद को संभाल पाएगी. जिसपर महिला को सोशल मीडिया पर कई रिएक्शन मिल रहे हैं.

सोशल मीडिया रिएक्शन 
महिला के सोशल मीडिया पोस्ट पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कुछ लोगों का मानना था कि सिर्फ तीन महीने में किसी वर्कप्लेस को 'टॉक्सिक' कहना जल्दबाजी हो सकती है.
वहीं एक यूजर ने लिखा, 'तीन महीने किसी भी कंपनी के कल्चर को समझने के लिए बहुत कम समय होता है. MNCs में खासकर ऑपरेशन्स से जुड़े कामों में ऐसा दबाव आम बात है. ऐसा हो सकता है कि ऐसा आपकी वर्किंग स्टाइल टीम के उम्मीदों से मेल न बैठने की वजह से हो रहा हो.'

कुछ यूजर्स ने महिला को सलाह दी कि वह जल्दबाजी में इस्तीफा न दे और अपने मैनेजर से खुलकर बात करे. साथ ही टीम के व्यवहार को कुछ समय और समझे. साथ ही सुझाव दिया गया कि अगर स्थिति में सुधार न हो, तो दूसरी नौकरी मिलने के बाद ही रिजाइन करे.

मानसिक सेहत सबसे जरूरी
एक यूजर ने साफ लिखा कि अगर नौकरी आपकी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगे, तो उसे छोड़ देना ही बेहतर है. उन्होंने लिखा, 'अगर यह आपकी सोच और मानसिक संतुलन को बिगाड़ रही है, तो वहां रहना सही नहीं है.'

यह मामला आज के कॉरपोरेट वर्क कल्चर में बढ़ते वर्क प्रेशर और वर्क-लाइफ बैलेंस की चुनौती को एक बार फिर सामने ला रहा है और लोग महिला के इस पोस्ट से रिलेट भी कर रहे हैं. 

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