Representational Image
Representational Image कई बार पढ़ाई और करियर के लिए माता-पिता अपने बच्चों पर इतना दवाब बना देते हैं कि बच्चे कुछ उल्टा-सीधा कर बैठते हैं. दिल्ली में भी हाल ही में ऐसा हुआ. 14 साल की लड़की अपना घर छोड़कर मुंबई पहुंच आगे क्योंकि वह पढ़ाई के लिए अपने माता-पिता के दवाब को झेल नहीं पा रही थी.
आज की दुनिया में एक बच्ची का इस तरह बिना किसी को बताये, अकेले मुंबई जैसे शहर पहुंचना और अकेला रहना किसी खतरे से कम नहीं है. क्योंकि इस दौरान कुछ भी बुरा घट सकता था. लेकिन कोई अनहोनी हो इससे पहले ही एक नेकदिल ऑटो ड्राइवर की सूझबूझ से उस लड़की को उसके माता-पिता तक पहुंचा दिया गया.
ऑटो ड्राइवर ने दिखाई समझदारी:
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मानिकपुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक भाऊसाहेब के. अहीर ने बताया कि शनिवार की सुबह ऑटो रिक्शा चालक राजू करवड़े (35) वसई स्टेशन के बाहर यात्रियों का इंतजार कर रहा था. तभी एक लड़की उसके पास पहुंची और पूछा कि क्या उसे रहने के लिए कमरा मिल सकता है.
राजू को थोड़ा संदेह हुआ तो उसके लड़की से अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा. और उससे पूछताछ की. उसे पता चला कि वह बच्ची नई दिल्ली की रहने वाली है और यहां अकेली आई है. अधिकारी का कहना है कि राजू ने तुरंत ट्रैफिक पुलिस को इसकी सूचना दी और फिर लड़की को मानिकपुर पुलिस थाने ले गया.
माता-पिता के दवाब के कारण घर से निकली:
लड़की ने पुलिस को बताया कि वह नई दिल्ली के पुष्प विहार की रहने वाली है और शुक्रवार को अपने घर से भागआई क्योंकि उसकी मां उस पर पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा दबाव बना रही थी. इसके बाद मानिकपुर पुलिस ने दिल्ली के साकेत पुलिस थाने से संपर्क किया. जहां लड़की के माता-पिता ने पहले ही अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कर दिया था.
बाद में पुलिस ने लड़की के माता-पिता को उसके मुंबई के वसई में होने की जानकारी दी. इसके बाद लड़की के माता-पिता एयरोप्लेन से वसई पहुंचे जहां शनिवार की देर शाम वे अपनी बेटी से मिले.
मुंबई पुलिस ने ऑटो चालक राजू को सम्मानित किया. क्योंकि अगर राजू सूझबूझ और नेकदिली न दिखाते तो शायद वह लड़की अपने घर सही-सलामत नहीं पहुंच पाती. राजू जैसे लोग इस बात की मिसाल हैं कि दुनिया में इंसानियत अभी भी बाकी है.