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Farmers Protest: Delhi में एक महीने के लिए लगी धारा-144, जानें इसे क्यों लागू किया जाता है, किस चीज की इजाजत और किस पर रहेगी मनाही?

Section 144 in Delhi: किसी क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए धारा-144 लगाई जाती है. इसको लागू करने का मकसद कई लोगों का एक जगह पर इकठ्ठा होने से रोकना है. दिल्ली में एक महीने के लिए धारा-144 लगाई गई है.

Section 144 in Delhi Section 144 in Delhi
हाइलाइट्स
  • 13 मार्च को किसानों ने दिल्ली चलो मार्च का किया है ऐलान

  • लोगों को कोई परेशानी न हो इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट

Delhi Chalo March: कई राज्यों के किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों की पूर्ति के लिए दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है. 13 मार्च यानी मंगलवार को दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है. इसके देखते हुए दिल्ली-एनसीआर से लेकर हरियाणा तक पुलिस अलर्ट मोड में है. दिल्ली पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अगले एक माह के लिए शहर में धारा-144 लागू कर दी है. इतना ही नहीं दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. 

रैली और जुलूस निकालने पर रोक 
पुलिस प्रशासन को संभावना है कि यूपी, पंजाब, और हरियाणा से किसान दिल्ली मार्च के दौरान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे. वे पीएम आवास से लेकर संसद तक जा सकते हैं. शहर में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने 12 मार्च 2024 तक के लिए धारा-144 लागू करने का आदेश जारी किया है. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रैली या जुलूस निकालने और सड़कों को अवरुद्ध करने पर रोक रहेगी.

धारा-144 कब लगाई जाती है
किसी क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए या किसी आपात स्थिति से बचने के लिए सीआरपीसी की धारा-144 लगाई जाती है. किसी क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी खतरा होने की आशंका पर भी इसे लागू किया जा सकता है. इसे लागू करने के लिए जिलाधिकारी या पुलिस कमिश्नर की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. इस धारा को लागू करने का मकसद कई लोगों का एक जगह पर इकठ्ठा होने से रोकना है. इस धारा को 6 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. इस धारा का उल्लंघन करने पर केस दर्ज किया जा सकता है. अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है.

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धारा-144 के दौरान इन चीजें पर रोक
1. राजधानी दिल्ली में सड़क जाम करने, रास्ते रोकते हुए किसी आंदोलन, रैली, सार्वजनिक सभा पर रोक लगाई गई है. 
2. छूट प्राप्त कुछ मामलों को छोड़कर पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक रहेगी.
3. दिल्ली में ट्रैक्टर ट्रॉली और ट्रकों के आने पर रोक लगा दिया गया है. 
4. वैसे वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा, जिनमें लाठी, डंडे, तलवार जैसे हिंसा में इस्तेमाल होने वाले कोई हथियार हों.
5. बंदूक, घातक हथियार और अन्य किसी भी ऐसी वस्तु को प्रतिबंधित किया गया है, जिसका इस्तेमाल शांति व्यवस्था भंग करने के लिए हो सकता है.
6. ईंट, पत्थर, एसिड, पेट्रोल और सोडा पानी आदि को एकत्रित करने पर भी पाबंदी लगाई गई है.
7. बारात, शव यात्रा और धार्मिक रैलियों की इजाजत जरूरी दी गई है, लेकिन इसके लिए संबंधित प्राधिकारी की अनुमति जरूरी की गई है.
8. बिना अनुमति के किसी वाहन, इमारत, निजी या सार्वजनिक इमारत से लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक होगी.
9. भड़काऊ नारे, भाषण या संदेश पर रोक रहेगी और ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
10. सरकार की ओर से आयोजित बैठक और ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारियों को प्रतिबंधों से छूट दी गई है. 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है. मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पूरी तरह सील रहेगा. किसी भी प्रकार की गाड़ियों की आवाजाही नहीं होगी. राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से होते हुए दिल्ली से सोनीपत या आगे जाने के लिए इंटरस्टेट बसों को कश्मीर गेट बस अड्डे से मजनूं का टीला, सिग्नेचर ब्रिज, खजूरी चौक और लोनी बॉर्डर से होते हुए जाना होगा. 

हैवी कॉमर्शियल वाहनों को डीएसआईआईडीसी कट से होते हुए बवाना रोड क्रॉसिंग और फिर बवाना चौक होते हुए औचंदी बॉर्डर से सईदपुर चौकी होते हुए केएमपी की जरिए जाना होगा. रोहतक की तरफ जाने वाले भारी वाहनों को आउटर रिंग रोड पर मुकरबा चौक से होते हुए रिठाला, यूईआर 2, कंझावला और जौंती बॉर्डर होते हुए हरियाणा में प्रवेश करने की सलाह दी गई है.