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Phone Theft: जूतों और चाल से पहचाना गया आरोपी, कुछ इस तरह रेलवे पुलिस ने सुलझाई 2 लाख के चोरी हुए फोन की गुत्थी 

पुलिस ने 30 साल के आरोपी हेमराज बंसीवाल को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. हेमराज ने फोन की सही कीमत न जानते हुए उसे अपने एक दोस्त को महज 3500 रुपये में बेच दिया था. उसके दोस्त 32 साल के देवीलाल चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

Phone Theft Phone Theft
हाइलाइट्स
  • चोर ने बेच दिया था फोन 

  • महिला ने 25 मई को की थी शिकायत 

जूते कितने काम के होते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चोरी का केस सुलझाने में इसने पुलिस की मदद की है. मुंबई के सीएसएमटी में 2 लाख रुपये के फोन की चोरी की गुत्थी सुलझाने के लिए रेलवे पुलिस ने जूतों की मदद ली. हाल ही में जब एक महिला यात्री ने सीएसएमटी ट्रेन से चोरी की सूचना दी, तो रेलवे पुलिस के पास आगे बढ़ने के लिए कुछ सुराग थे. सीसीटीवी ने संदिग्ध को कैद कर लिया था लेकिन तस्वीर काफी धुंधली थी. इसके बाद पुलिस ने चोर के जूतों और चाल की बारीकी से जांच की. दो दिन बाद और पुलिस उसे पकड़ने में कामयाब हुई.

चोर ने बेच दिया था फोन 

पुलिस ने 30 साल के आरोपी हेमराज बंसीवाल को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. हेमराज ने फोन की सही कीमत न जानते हुए उसे अपने एक दोस्त को महज 3500 रुपये में बेच दिया था. उसके दोस्त 32 साल के देवीलाल चौहान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल, ये चोरी 24 मई को हुई थी. शिकायतकर्ता मध्य रेलवे में कर्मचारी है. महिला फर्स्ट क्लास के डिब्बे में बैठी थी और उन्होंने अपना फोन सीट पर रख दिया था. सीएसएमटी में कोच से उतरते समय उन्हें याद आया कि उनका हैंडसेट उनके पास नहीं है. वह वापस अपनी सीट पर गईं लेकिन वह फोन तब तक गायब हो चुका था. 

महिला ने 25 मई को की थी शिकायत 

25 मई को महिला ने अपने फोन के गुम होने की शिकायत की थी. इसे लेकर उन्होंने सीएसएमटी जीआरपी से संपर्क किया. इसे लेकर टीओआई से असिस्टेंट इंस्पेक्टर सतीश शिरसात कहते हैं, "उन्हें पता नहीं था कि उनका हैंडसेट चोरी हुआ है या खो गया है. हमने स्टेशन से सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच शुरू कर दी. एक आदमी को महिला कोच से उतरते समय और मेन गेट से स्टेशन से बाहर निकलते समय कैमरे में कैद किया गया था. लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उसका चेहरा धुंधला था.”

कुछ इस तरह पकड़ा गया आरोपी 

सर्विलांस फुटेज की अच्छे से जांच करने के बाद, जांचकर्ताओं को यकीन हो गया कि संदिग्ध एक हिस्ट्रीशीटर प्रतीत नहीं होता है.सतीश शिरसात कहते हैं, "ऐसा लग रहा था कि वह कहीं यात्रा कर रहा था. हम जानते थे कि शिकायतकर्ता की ट्रेन सुबह 11.35 बजे के आसपास सीएसएमटी पहुंची थी. अगले दिन, हमने उसी ट्रेन और अन्य पर नजर रखने का फैसला किया, जिनकी यात्रा एक घंटे के भीतर सीएसएमटी पर खत्म हो गई थी.”

26 मई को दोपहर के आसपास, प्लेटफॉर्म 1 और 2 पर नजर रखने के दौरान, पुलिस ने संदिग्ध (बंसीवाल) को उसी जूते और एक मेल खाते चाल के साथ देखा. पूछताछ में उसने दो दिन पहले ट्रेन से फोन उठाना स्वीकार किया. 
बंसीवाल ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह महिला कोच से सीएसएमटी के एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा रही थी, तभी उसने एक सीट पर फोन पड़ा देखा और उसने वह उठा लिया. 

कुर्ला के एक टी-शर्ट विक्रेता, बंसीवाल को अपना किराया और किराने का सामान देने के लिए पैसों की जरूरत थी. उसने फोन चौहान को बेचा, जो जूता मरम्मत करने वाला था और कुर्ला का रहने वाला था. वे न तो फोन को ऑपरेट कर पा रहे थे और न ही इस बात की जानकारी थी कि यह कितना महंगा है. पुलिस ने चौहान के पास से फोन बरामद किया है.