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Gujrat: चौंकाने वाला जमीन घोटाला... कागजों में जिंदा किया मृत भाई

गुजरात के महीसागर में कलयुगी बहन का ऐसा कारनामा सामने आया है जिसे सुन कर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक सगी बहन ने कुछ ऐसा किया जिसने परिवार और इलाके में हड़कंप मचा दिया है.

पीड़ित परिजन पीड़ित परिजन
हाइलाइट्स
  • चौंकाने वाला जमीन घोटाला

  • मृत भाई को रखा कागज में जिंदा

  • पुलिस ने दर्ज किया मामला

गुजरात के महीसागर जिले के मलेकपुर गांव में जमीन हड़पने और धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहाँ एक बहन ने अपने ही मृत भाई को कागजों पर जीवित दिखाकर और फर्जी दस्तावेज तैयार कर खेती की जमीन बेच दी. इस मामले में लुणावाड़ा पुलिस ने आरोपी बहन सुशीलाबेन पटेल और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पूरा मामला 
मलेकपुर गांव में स्थित एक कृषि भूमि पर लगभग 18 संयुक्त हिस्सेदार थे. आरोपी सुशीलाबेन पटेल ने अन्य हिस्सेदारों की जानकारी के बिना, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर एक बड़ा षड्यंत्र रचा. सुशीलाबेन के भाई जेठा भाई पटेल का निधन वर्ष 2019 में हो गया था, लेकिन ​फर्जी दस्तावेज और पहचान पत्र बनाकर
फर्जीवाड़े के तहत अपने भाई को वर्ष 2022 के सरकारी दस्तावेजों में जीवित दिखाया . बहन ने फर्जी दस्तावेज और पहचान पत्र के जरिए जमीन को अपने नाम करने और उसे 'गैर-खेती' (NA) में बदलने के लिए मृत भाई की जगह किसी और के फोटो चिपकाए गए, फर्जी हस्ताक्षर किए गए और नकली पहचान पत्र (ID) का उपयोग करके अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन हड़पने का आरोप परिवार लगा रहा है.

सरकारी कर्मचारी का है हाथ! 
इस पूरे खेल में भू-माफियाओं के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है जिन्होंने दस्तावेजों की जांच किए बिना जमीन को एन.ए. (NA) करने का आदेश दे दिया और जमीन बेच दी गई. जब अन्य संयुक्त खातेदारों और जमीन मालिकों को इस धोखाधड़ी की भनक लगी, तो उन्होंने तत्काल जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत की. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने परिवार को बताया कि आप के साथ धोखाधड़ी हुई हे आप पुलिस में FIR दर्ज करवा सकते हे . पीड़ित परिवार ने लुणावाड़ा पुलिस स्टेशन में सुशीलाबेन पटेल और इस षड्यंत्र में शामिल भू-माफियाओं के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

पुलिस की ओर से जांच शुरू 
पुलिस अब इस बात की गहन जांच कर रही है की इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन से सरकारी अधिकारी, कर्मचारी शामिल थे जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों को मंजूरी दी? विवादित जमीन खरीदने वाले लोग कौन हैं? इस पूरे रैकेट के पीछे और किन लोगों का हाथ है?

(रिपोर्ट- वीरेन जोशी)

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