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EPIC Number in Voter ID: वोटर आईडी कार्ड में क्या होता है एपिक नंबर... क्यों होता है यह जरूरी... क्या इसमें किया जा सकता है बदलाव... दो EPIC नंबर के फेर में घिरे तेजस्वी यादव

EPIC Number: राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दो EPIC नंबर के फेर में बुरी तरह फंस चुके हैं. चुनाव आयोग ने इस मामले में तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा है. हम आपको बता रहे हैं कि वोटर आईडी कार्ड में क्या होता है EPIC नंबर, क्या इसमें बदलाव किया जा सकता है, किसी एक व्यक्ति का दो EPIC नंबर हो सकता है क्या?

Tejashwi Yadav EPIC Number (Photo: PTI) Tejashwi Yadav EPIC Number (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • तेजस्वी यादव का कहना है- बदल दिया गया है मेरा EPIC नंबर 

  • चुनाव आयोग ने दो EPIC नंबर पर तेजस्वी यादव को भेजा है नोटिस

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी पारा अभी से चरम पर है. राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने EPIC (Election Photo Identity Card) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा EPIC नंबर बदल दिया गया है. यह साजिश है वोटर लिस्ट से नाम काटने की.

तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में जिस EPIC नंबर (RAB2916120) को दिखाया था. चुनाव आयोग की प्राथमिक जांच में वह कहीं नहीं है. ऐसे में दो-दो EPIC नंबर मामले में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बुरी तरह फंस चुके हैं. तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने और फर्जी दस्तावेजों से मतदाता पहचान पत्र बनवाने के आरोप लग रहे हैं. चुनाव आयोग ने इस मामले में तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या दो EPIC नंबर होने पर वोटर्स लिस्ट से तेजस्वी यादव का नाम काटा जा सकता है? ऐसा हुआ तो राजद नेता तेजस्वी यादव कैसे चुनाव लड़ेंगे?

क्या कहा चुनाव आयोग ने
चुनाव आयोग का कहना है कि तेजस्वी यादव का वैध EPIC नंबर RAB0456228 है. तेजस्वी यादव ने इस EPIC नंबर का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में किया था. तेजस्वी का नाम RAB0456228 EPIC नंबर (पाटलिपुत्र क्षेत्र, मतदान केंद्र 204, क्रमांक 416) के साथ है. चुनाव आयोग का कहना है कि तेजस्वी का दूसरा EPIC नंबर आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं है और संभवतः यह फर्जी हो सकता है.

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उधर, तेजस्वी यादव ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने दावा किया कि उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है. संविधान के जानकारों का कहना है कि तेजस्वी यादव का मामला डॉक्यूमेंट डुप्लीकेसी का है. इस पर बीएनएस की धारा 182 के तहत धोखाधड़ी का मामला बन सकता है, जिसके मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के लिए सिर्फ जुर्माने का प्रावधान है. हालांकि, अभी तक ऐसा नहीं देखा गया है कि दो वोटर कार्ड रखे जाने पर किसी पर क्रिमिनल केस दर्ज किया गया हो. अब देखना है कि चुनाव आयोग तेजस्वी यादव मामले में आगे क्या कार्रवाई करता है. 

क्या होता है EPIC नंबर 
1. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की ओर देश के सभी 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के रजिस्टर्ड वोटर्स को इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिट कार्ड (EPIC) नंबर जारी किया जाता है. 
2. EPIC नंबर को वोटर ID नंबर कहा जाता है. इसमें अक्षर और संख्या दोनों शामिल हो सकते हैं. यह नंबर मतदाता पहचान पत्र पर मौजूद 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है. 
3. EPIC नंबर के पहले 3 अक्षर विधानसभा क्षेत्र या राज्य को दर्शाते हैं, जबकि बाकी अंक मतदाता की विशिष्ट पहचान को दर्शाते हैं. जैसे मान लीजिए DL/01/123/456789. DL यानी राज्य कोड, 01 का मतलब है विधानसभा क्षेत्र संख्या, 123 यानी पार्ट नंबर और अंतिम 6 अंकों में मतदाता की Serial संख्या होती है.
4. मतदान करते समय पहचान पत्र के तौर पर EPIC नंबर दिखाना होता है. मतदाता सूची में नाम तलाशने के लिए यह नंबर अनिवार्य है. 
5. मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए फॉर्म-6, 7 या 8 भरते समय भी EPIC नंबर की आवश्यकता होती है.

EPIC नंबर का क्या होता है उपयोग
1. इलेक्शन कमीशन EPIC नंबर की मदद से चुनाव के समय सही मतदाता की पहचान करता है. 
2. EPIC नंबर में वोटर की सारी डिटेल्स मिल जाती है. 
3. EPIC नंबर चुनाव के समय डुप्लीकेट या नकली मतदाता की पहचान रोकने में सहायक होता है.
4. EPIC नंबर का उपयोग ऑनलाइन सेवाओं जैसे वोटर आईडी अपडेट, डाउनलोड और विवरण में सुधार के लिए आवेदन करने में किया जाता है. 

ऐसे कर सकते हैं EPIC नंबर की जांच
1. EPIC नंबर की ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए आप https://voters.eci.gov.in पर लॉगइन कर सकते हैं. 
2. इसके बाद EPIC नंबर डालकर वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं.
3. इसके लिए वेबसाइट पर लॉगइन करें. 
4. Check Your Name या Search in Electoral Roll पर क्लिक करें.
5. फिर EPIC नंबर, नाम, जन्मतिथि दर्ज करके लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं.

EPIC नंबर को कैसे कर सकते हैं प्राप्त 
1. EPIC नंबर प्राप्त करने के लिए पहले आपको मतदाता के रूप में खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा.
2. आपको इसके लिए फॉर्म-6 भरना होगा. 
3. फॉर्म-6 को भरने के बाद भारतीय चुनाव आयोग EPIC नंबर के साथ वोटर ID कार्ड जारी करता है.

बिना Voter ID Card के EPIC नंबर कैसे खोजें
1. आप अपने Voter ID Card में EPIC नंबर आसानी से पा सकते हैं. 
2. यदि आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो आप NVSP यानी नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल के ऑफिशियल पोर्टल पर जाकर EPIC नंबर प्राप्त कर सकते हैं. 

EPIC नंबर को ऐसे खोज सकते हैं ऑनलाइन 
1. EPIC नंबर ऑनलाइन खोजने के लिए आपको सबसे पहले NVSP के पोर्टल पर जाना होगा.
2. फिर वोटर लिस्ट में सर्च पर क्लिक करना होगा. यहां एपीक नंबर का ऑप्शन मिलेगा.
3. आपको विवरण द्वारा खोजें या मोबाइल नंबर द्वारा खोजें में से किसी एक ऑप्शन को चुनना होगा. 
4. फिर ड्रॉप-डाउन लिस्ट से अपना राज्य और पसंदीदा भाषा विकल्प चुनना होगा. 
5. इसके बाद आवश्यक जानकारी, कैप्चा कोड दर्ज करें और ‘खोजें’ पर क्लिक करें.
6. फिर आपका EPIC नंबर मतदाता सूची में पंजीकरण के अनुसार आपके मतदाता पहचान पत्र के विवरण के साथ EPIC नंबर कॉलम में मिल जाएगा.
7. कुछ मामलों में आप EPIC नंबर प्राप्त करने के लिए SMS भेज सकते हैं (जैसे EPIC भेजकर 1950 को). विवरण SMS में प्राप्त हो सकते हैं.

EPIC नंबर खोजने में हो रही परेशानी तो क्या करें
यदि आपको अपना EPIC नंबर खोजने में कठिनाई हो रही है, जैसे कि कार्ड गुम हो गया हो या पोर्टल पर खोज में समस्या आ रही हो तो आप अपने नजदीकी Electoral Registration Office (ERO) जाएं या फिर 1950 Voter Helpline से संपर्क कर सकते हैं.

कब और कैसे बदला जाता है वोटर लिस्ट का EPIC नंबर
आपको मालूम हो कि इलेक्शन कमिशन सामान्यतः किसी मतदाता का EPIC नंबर नहीं बदलता. यह नंबर हर मतदाता के लिए एक यूनिक पहचान होता है और सामान्य बदलाव जैसे नाम, पता या अन्य विस्तार अपडेट करने पर भी यह नंबर वही रहता है. हालांकि इसमें कोई खामी होने पर मतदाता के आवेदन के आधार पर EPIC नंबर में बदलाव किए जा सकते हैं. यदि किसी कारण डुप्लीकेट EPIC नंबर जारी हो गए हों या गंभीर क्लेरिकल या तकनीकी गलती हो गई हो तो EPIC नंबर में बदलाव किया जा सकता है. यह बदलाव इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) प्रशासनिक तर्ज पर करता है, न कि उम्मीदवार या चुनाव आयोग के विवेक से. इसका मतलब है कि यदि आपका EPIC नंबर बदलना आवश्यक समझा गया तो इसकी प्रक्रिया प्रशासनिक सुधार के तहत होगी. 

क्या है EPIC नंबर बदलने की प्रक्रिया
1. सबसे पहले आपको अपने लोकल Electoral Registration Officer (ERO) से संपर्क करना होगा. 
2. यदि कोई डुप्लीकेट या गंभीर गलती है तो इसकी जांच की जाती है. 
3. ERO या फिर निर्धारित अधिकारियों की स्वीकृति के बाद नया EPIC नंबर अलॉट किया जा सकता है. 
4. नया EPIC नंबर जारी होने के बाद आपको नया EPIC कार्ड मिलता है. 
5. पूरा प्रोसेस दस्तावेजी और नियमानुसार होता है, कोई भी नंबर मनमर्जी से नहीं बदल सकता.

‘प्रवासी’ नागरिकों के साथ होती है ये दिक्कत 
भारत में एक व्यक्ति दो-दो वोटर आईडी कार्ड नहीं रख सकता है. यह गैरकानूनी है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत दंडनीय है. इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को एक साल की जेल या जुर्माना हो सकता है. आपको मालूम हो कि दो वोटर कार्ड वाली दिक्कत ‘प्रवासी’ नागरिकों के साथ होती है. मान लीजिए यूपी या बिहार के किसी गांव के रहने वाले व्यक्ति ने वहां के डॉक्यूमेंट्स पर अपना वोटर कार्ड बनवाया है.

अब वह नौकरी के लिए दिल्ली, पंजाब, गुजरात या महाराष्ट्र चला जाता है. अब इन स्थानों पर ऐसी बहुत सारी सरकारी योजनाएं होती हैं, जिनका लाभ सिर्फ स्थानीय निवासी उठा सकते हैं. ऐसे में यूपी-बिहार के लोग इन योजनाओं का फायदा उठाने के लिए यहां का वोटर कार्ड भी बनवा लेते हैं. नया वोटर कार्ड बनवाने पर भी वे अपने पुराने वोटर कार्ड को कैंसिल नहीं करवाते हैं. ऐसी स्थिति के लिए तो चुनाव आयोग ने व्यवस्था की है कि यदि कई व्यक्ति नए वोटर कार्ड के लिए आवेदन करते समय अपने पुराने कार्ड के बारे में जानकारी दे दे तो चुनाव आयोग खुद ही पुराना कार्ड कैंसिल कर देगा. कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो जानबूझकर दो वोटर कार्ड रखते हैं. यह कानून के मुताबिक सही नहीं है.

वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी 
आपको मालूम हो कि वोट डालने के लिए एपिक नंबर उतना जरूरी नहीं है जितना वोटर लिस्ट में नाम होना. यह ध्यान रखें कि दो जगहों पर वोटर्स लिस्ट में नाम नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा होता है तो चुनाव आयोग को एक्शन लेने का अधिकार है. किसी के पास वोटर कार्ड न हो और वोटर लिस्ट में नाम हो तब भी चुनाव आयोग के मुताबिक 11 दस्तावेज दिखाकर वोट डाला जा सकता है. कई बार ऐसा होता कि लोग नई जगह पर जाते हैं और वोट कार्ड बनवाते समय एड्रेस चेंज करने वाला फॉर्म-8 न भरकर नया रजिस्ट्रेशन वाला फॉर्म-6 भर देते हैं. ऐसे में उनका पुराना कार्ड यथावत बना रहता है और नया कार्ड भी बन जाता है. 

क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950
1. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में दो निर्वाचक क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन को अवैध बताया गया है. 
2. धारा 17 के मुताबिक कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान नहीं कर सकता है.
3. धारा 18 के अनुसार एक निर्वाचन क्षेत्र में केवल एक ही बार नामांकन हो सकता है.
4. धारा 31 के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा घोषणा-पत्र देता है या जानबूझकर मतदाता सूची में गलत जानकारी दर्ज कराता है तो यह अपराध है.

दो वोटर आईडी कार्ड रखने पर मिल सकती है ये सजा 
1. हमारे देश में दो वोटर आईडी कार्ड रखना अपराध है. ऐसा करने पर एक साल तक की जेल या जुर्माना दोनों का प्रावधान है.
2. यदि कोई व्यक्ति दो वोटर कार्ड का इस्तेमाल, या दोनों पहचान पत्रों का इस्तेमाल पहचान के तौर पर करते हैं तो यह चुनावी धोखाधड़ी है. 
3. ऐसा करने पर निर्वाचन आयोग नोटिस भेज सकता है.
4. दो वोटर कार्ड रखने पर आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है.
5. दो वोटर आई कार्ड रखने पर भविष्य में चुनाव लड़ने या सरकारी योजना का लाभ लेने में बाधा आ सकती है.
6. दो वोटर आई कार्ड रखने पर आपका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है.