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New Parliament Building: क्‍यों पड़ी नए संसद भवन की जरूरत, क्या है इसकी खासियत, निर्माण के लिए कहां-कहां से आई सामग्री, जानें उद्घाटन कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल 

New Parliament Inauguration Date: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी इसके साथ ही ऐतिहासिक राजदंड सेंगोल को भी स्थापित करेंगे. सेंगोल को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने रखा जाएगा.

New Parliament Building New Parliament Building
हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी नए संसद भवन का 28 मई को करेंगे उद्घाटन 

  • लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था

नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इस संसद भवन का वीडियो जारी किया जा चुका है. इसमें लोकतंत्र का मंदिर यानी संसद भवन काफी खूबसूरत दिखाई दे रहा है. संसद भवन के द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है. आइए आज जानते हैं इस नए संसद भवन की क्यों पड़ी जरूत और क्या है इसकी खासियत?

इसलिए पड़ी नए संसद भवन की जरूरत
संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है. इसके दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था. 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है. ऐसे में नए सांसदों के लिए बैठने की पर्याप्‍त जगह ही नहीं होगी.  

प्राकृतिक रोशनी हो गई है कम 
इसके अलावा जाली की खिड़कियों को कवर करने से संसद के दोनों सदनों के कक्ष में प्राकृतिक रोशनी कम हो गई है. इस भवन को आधुनिक अग्नि मानदंडों के अनुसार डिजाइन नहीं किया गया है. इससे आपात स्थिति में निकासी की व्यवस्था अत्यंत अपर्याप्त और असुरक्षित है. इस स्थिति को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्‍यास किया.

नए संसद भवन में क्‍या है खास
पुरानी संसद का आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. अभी लोकसभा में 590 और राज्‍यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं. 

अलग बनाए गए हैं ऑफिस 
नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं. कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.

संविधान हॉल 
नई  संसद में संविधान हॉल भवन के बीचोंबीच बना हुआ है. इसके ऊपर अशोकस्‍तंभ लगा है. कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं. 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का है हिस्सा 
संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. नई संसद केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी है.

निर्माण के लिए इन जगहों से मंगाई गई सामग्री
नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टिक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है. कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं. अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है. अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है. लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवा गया है. इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं. केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है. एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था. ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए. एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई. 

कार्यक्रम का ऐसा रहेगा शेड्यूल 
1. 28 मई को सुबह साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक हवन और पूजन. पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सहित कई मंत्री रहेंगे मौजूद.
2. सुबह साढ़े आठ से नौ बजे के बीच लोकसभा के अंदर सेंगोल को स्थापित किया जाएगा.
3. सुबह नौ से साढ़े नौ बजे तक प्रार्थना सभा आयोजित होगी.
4. दोपहर 12 बजे के बाद दूसरा चरण शुरू होगा. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से होगी.
5. इसके बाद दो शॉर्ट फिल्मों की स्कीनिंग की जाएगी. फिर डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा हरिवंश, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ेंगे.
6. राज्यसभा में नेता विपक्ष का संबोधन होगा. लोकसभा स्पीकर का भी संबोधन होगा.
7. इसके बाद सिक्के और स्टांप रिलीज किए जाएंगे.
8. सबसे आखिर में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा. दोपहर 2:0 बजे तक कार्यक्रम का समापन होगा.