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'आर्मी डे' पर फहराया गया दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रध्वज, भारत-पाकिस्तान सीमा पर लहराया तिरंगा

यह झंडा कई किलोमीटर दूर से ही स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जैसलमेर में प्रवेष करने वाले सैलानी दूर से इसका अद्भुत नजारा देख सकेंगे. भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित लोंगेवाला में यह विशालकाय तिरंगा प्रदर्शित किया गया है.

दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रध्वज दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रध्वज

राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए सीमावर्ती जैसलमेर में आज शनिवार को एक नया इतिहास रचा गया. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में विश्व का सबसे बड़ा खादी से निर्मित राष्ट्रध्वज यहां फहराया गया. ये विशालकाय भारतीय तिरंगा 15 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर जैसलमेर के मिलिट्री स्टेशन के पास एक उंची पहाड़ी पर शान से लहराया गया.  सीमावर्ती जिले में इस झंडे को देखकर अखंडता, एकता और देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा. 

सेना दिवस के अवसर पर 15 जनवरी को दक्षिणी कमान के अंतर्गत आने वाले बैटल एक्स डिवीजन के जी.ओ.सी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह मान ने जैसलमेर सैन्य स्टेशन पर 225 फीट लंबे और 150 फीट चौड़े स्मारकीय राष्ट्रध्वज का अनावरण किया. जैसलमेर एयरफोर्स के स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन ए.एस.पन्नू, जैसलमेर के पूर्व महारावल चैतन्य राज सिंह, राज परिवार सदस्य विक्रम सिंह नाचना सहित कई उच्च सेनाधिकारी, जवान, आम नागरिक, बच्चे इस गौरवशाली पलों के गवाह बने. 

मेसर्स खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स ने बनाया ये झंडा 

इस दौरान आयोजन सथल पर आने वाले सैलानियों और आम जनता के लिये टैंकों, बंदूकों और कई सैन्य साजो-सामान की भव्य सैन्य प्रदर्शनी भी लगाई गयी. इसके जरिए वो भारतीय सेना के क्रियाकलापों से रूबरू हो सकेंगे. इस विशालकाय राष्ट्रध्वज का निर्माण मेसर्स खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स ने किया है. ये झंडा सौ प्रतिशत खादी सामग्री से बना है. राष्ट्रध्वज फहराते समय जैसे ही जी.ओ.सी योगेंद्र सिंह मान ने ध्वज के अनावरण का बटन दबाया वैसे ही रंग बिरंगे गुब्बारे, फूल आकाश में छा गए. 

इस अवसर पर जी.ओ.सी मेजर जनरल योगेंद्र सिंह मान ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े खादी के राष्ट्रध्वज को बैटल एक्स डिवीजन को प्रदर्शित करने का सौभाग्य मिला है. यह भारतीय सेना के लिये गर्व की बात है. हमें जो जिम्मेदारी सौंपी हैं उसे हमने बखूबी से निभाया. यह राष्ट्रध्वज उत्तम विरासत की याद दिलाता है. सभी ने यहां पर संयुक्त प्रयास से इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, यह सब हमारे लिये फक्र की बात है. 

झंडा लगभग 37,500 वर्ग फुट एरिया में फैला है

यह झंडा कई किलोमीटर दूर से ही स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जैसलमेर में प्रवेष करने वाले सैलानी दूर से इसका अद्भुत नजारा देख सकेंगे. भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित लोंगेवाला में यह विशालकाय तिरंगा प्रदर्शित किया गया है. लोंगेवाला सीमा चैकी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में एक ऐतिहासिक जंग की गवाह रही है. झंडे को लगाने के लिए दर्जनों मजदूर और जेसीबी मशीनें काम में जुटी रहीं. बताया जा रहा है कि झंडा लगभग 37,500 वर्ग फुट एरिया में फैला है. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) मंत्रालय के मुताबिक, 225 फुट लंबे, 150 फुट चौड़े और करीब 1,400 किलोग्राम वजन वाले इस विशालकाय तिरंगे को प्रदर्शित करने का यह पांचवां सार्वजनिक प्रदर्शन होगा. 

झंडे को 70 कारीगरों ने मिलकर 49 दिनों में तैयार किया

आर्मी डे के दिन भारतीय सेना की वीरता और देश के लिए सेना की कुर्बानी को याद किया जाता है.  जैसलमेर में लगाया यह झंडा सेना के मनोबल को और बढ़ाएगा. इस झंडे को 70 कारीगरों ने मिलकर 49 दिनों में तैयार किया है. झंडे को बनाने के लिए 4500 मीटर हाथ से काटे और हाथ से बुने खादी के सूती ध्वजपट का इस्तेमाल किया गया है. इससे पहले 2 अक्टूबर 2021 को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती पर लेह में दुनिया के सबसे बड़ा राष्ट्रध्वज को फहराया गया था. 

(विमल भाटिया की रिपोर्ट)