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World Environment Day: भारतीय रेलवे की मेगा ड्राइव! 'प्लास्टिक मुक्त भारत' के लिए पौधारोपण, जागरूकता रैली के साथ किए नुक्कड़ नाटक

इस अभियान में रेलवे ने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया, बल्कि रेलवे सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी. नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को रेलवे ट्रैक पर अनधिकृत रूप से न चलने और रील्स न बनाने की सलाह दी गई.

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 विश्व पर्यावरण दिवस 2025

क्या आपने कभी सोचा कि हमारी धरती को हरा-भरा और स्वच्छ बनाने के लिए रेलवे भी अपनी पूरी ताकत झोंक सकती है? जी हां, इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) रेल मंडल ने "प्लास्टिक मुक्त भारत" का नारा बुलंद किया और एक ऐसी मेगा ड्राइव शुरू की, जिसने सबका ध्यान खींच लिया! पौधारोपण से लेकर जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटक तक, भारतीय रेलवे ने चंदौली में पर्यावरण संरक्षण का ऐसा उत्सव मनाया कि हर कोई प्रेरित हो उठा. 

प्लास्टिक मुक्त भारत
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भारतीय रेलवे ने चंदौली के डीडीयू रेल मंडल में "प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें" थीम के तहत एक शानदार अभियान चलाया. इस अभियान का मकसद था सिंगल-यूज प्लास्टिक को जड़ से खत्म करना और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना. रेलवे ने न सिर्फ स्टेशनों को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने की ठानी, बल्कि यात्रियों, कर्मचारियों और आम लोगों को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाया.

इस अभियान के तहत डीडीयू रेल मंडल ने 1 लाख पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा. रेलवे कॉलोनियों, स्टेशनों और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया. इसके साथ ही, रेलवे ने जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर लोगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में बताया. यह सब कुछ 22 मई से 5 जून तक चले एक विशेष पखवाड़े का हिस्सा था, जिसने चंदौली को पर्यावरण संरक्षण का नया केंद्र बना दिया.

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जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटक
विश्व पर्यावरण दिवस पर डीडीयू रेलवे स्टेशन और कॉलोनी में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. रेल अधिकारियों, कर्मचारियों और स्काउट्स एंड गाइड्स के सदस्यों ने मिलकर एक भव्य जागरूकता रैली निकाली. इस रैली में बैनर-पोस्टर और नारे जैसे "प्लास्टिक हटाओ, पर्यावरण बचाओ" गूंजते रहे. रेल यात्रियों और स्थानीय लोगों को सिंगल-यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों जैसे स्टील की बोतल और कपड़े के थैले अपनाने की सलाह दी गई.

इसके अलावा, नुक्कड़ नाटकों ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इन नाटकों में न सिर्फ प्लास्टिक प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया, बल्कि रेलवे सुरक्षा से जुड़े संदेश दिए गए. लोगों को बताया गया कि बंद रेलवे क्रॉसिंग को जल्दबाजी में पार करना या रेलवे ट्रैक पर रील्स बनाना कितना खतरनाक हो सकता है. इन नाटकों ने मनोरंजन के साथ-साथ जागरूकता का ऐसा जादू चलाया कि बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस मुहिम से जुड़ गए.

हरियाली की नई पहल
डीडीयू रेल मंडल ने इस बार पर्यावरण को हरा-भरा बनाने के लिए पौधारोपण को अपनी प्राथमिकता बनाया. रेलवे कॉलोनियों, स्टेशनों और आसपास के क्षेत्रों में हजारों पौधे लगाए गए. डीडीयू मंडल के डीआरएम उदय सिंह मीणा ने कहा, “विश्व पर्यावरण दिवस पर हमारा मिशन है पर्यावरण को बचाना. हम 1 लाख पौधे लगा रहे हैं और प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का संकल्प ले रहे हैं. प्लास्टिक का पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है, और हमें बच्चों और उनके परिवारों में जागरूकता फैलानी है. अगर हम सब मिलकर काम करें, तो हम एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत बना सकते हैं.”

इस अभियान में रेलवे ने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया, बल्कि रेलवे सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी. नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को रेलवे ट्रैक पर अनधिकृत रूप से न चलने और रील्स न बनाने की सलाह दी गई. साथ ही, रेलवे ने स्टेशनों पर दो रंग के कूड़ेदान लगाए, ताकि गीले और सूखे कचरे को अलग किया जा सके. यह अभियान सिर्फ रेलवे परिसरों को स्वच्छ बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका मकसद था समाज को हरित भविष्य की ओर ले जाना.