
बुंदेलखंड के झांसी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां की एक गांव में रहने वाली महिला सिपाही ने अंतरजातीय विवाह कर लिया तो गांव वालों ने खाप पंचायत की तरह फैसला सुना दिया. अन्तरजातीय विवाह पर पंचायत ने 20 लाख रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही महिला सिपाही के परिवार का हुक्का-पानी बन्द कर दिया है. साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि अगर गांव का कोई भी व्यक्ति इस परिवार से सम्बन्ध रखता है तो उसे भी 50,000 रुपये जुर्माना देना होगा. पंचायत के इस तुगलकी फरमान से परेशान होकर महिला सिपाही ने पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की है.
महिला की फैमिली के बहिष्कार का फरमान-
झांसी मुख्यालय से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर टोड़ी फतेहपुर थाना क्षेत्र के तहत एक गांव में 13 मई को एक पंचायत बुलाई गई. गांव के मंदिर पर हुई इस पंचायत ने जब अपना फरमान सुनाया तो पूरा मामला थाने में पहुंच गया. मामला गांव में रहने वाली महिला सिपाही और दरोगा के अंतर जातीय विवाह से जुड़ा हुआ है. इस अंतर्जातीय शादी को लेकर ही गांव में पंचायत हुई, इसके बाद पंचायत पर तुगलकी फरमान सुनाने का आरोप महिला सिपाही के परिजनों ने लगाया. फैमिली ने इसकी शिकायत टोड़ी फतेहपुर थाने में की. पंचायत के दौरान बनाये गए ऐसे वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए, जिसमें पंचायत में बैठा एक शख्स धमकी देते हुए कह रहा है कि गांव का जो भी व्यक्ति महिला सिपाही के बहिष्कार किए गए परिवार से मुलाकात करेगा, महिला सिपाही के परिजनों के घर जाएगा तो उस व्यक्ति पर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा. उसको गांव से बाहर भी निकाल दिया जाएगा. साथ ही एक वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गांव के मंदिर पर पंचायत होती दिखाई दे रही है, पंचायत में मौजूद महिला सिपाही का सगा चाचा हाथ जोड़कर पंचायत करने वाले लोगों से विनती करता हुआ दिखाई दे रहा है.
महिला सिपाही ने की दूसरी जाति के दारोगा से शादी-
लखनऊ में तैनात महिला पुलिस कर्मी ने 2 साल पहले लखनऊ में ही तैनात एक दरोगा से कोर्ट मैरिज कर ली थी. परिवार की आपसी रजामंदी के बाद दोनों ने प्रेम विवाह भी किया था. महिला पुलिसकर्मी की मां का आरोप है कि जब दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया. इसके बाद गांव में हल्दी की रस्म की तैयारी शुरू कर दी गई. जब महिला सिपाही की हल्दी की रस्म की तैयारी हुई तो गांव में एक पंचायत की गई. महिला सिपाही के परिजनों ने पंचायत पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत में फरमान सुनाया कि उनकी बेटी ने गैर जाति के लड़के से शादी की है, इसलिए पंचायत इस पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद करने का ऐलान करती है. परिजनों का आरोप है कि पंचायत ने उनके रोजमर्रा के इस्तेमाल की जाने वाली चीजों पर भी रोक लगा दी. पंचायत के इस फरमान से दुखी होकर पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है.
प्रधान का क्या है कहना?
गांव के प्रधान पक्ष का भी आरोप है कि पंचायत पर तुगलकी फरमान सुनाने का आरोप लगाने वाले परिवार का एक शख्स 20 साल पहले गांव में प्रधान चुना गया था. तब प्रधानी जीतने के एवज में मंदिर को बनवाने के लिए 2 लाख 15 हजार रुपए की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. तब लड़की पक्ष के लोग तैयार हो गए थे और लड़की पक्ष के लोगों की प्रधानी के चुनाव में जीत भी हुई थी. प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद उस पक्ष को 2 लाख 15 हजार नहीं देना पड़े, इसके लिए लड़की की शादी में तुगलकी फरमान सुनाने का बहाना बना रहा हैं. पंचायत पर जो भी आरोप लगे हैं वो आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. ग्राम प्रधान पर जो भी आरोप लड़की पक्ष लग रहा है, वो पूरी गलत है. गांव में पंचायत मंदिर के 2 लाख 15 हजार रुपए को लेकर हुई थी. महिला सिपाही का परिवार जानबूझकर प्रधान समेत पंचायत को बदनाम करने रही है.
फिलहाल तोड़ी फतेहपुर थाना पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
(अजय झा की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: