कई लोगों के गार्डनिंग का शौक होता है. लेकिन शहर में रहने की वजह से ऐसा नहीं करते पाते हैं. हालांकि अब बालकनी गार्डनिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपनी बालकनी में सब्जियां और फूल उगा रहे हैं. अगर खुद की बालकनी में उगाए धनिया के पत्ते खाना चाहते हैं तो आप आसानी से ऐसा कर सकते हैं और इस सर्दी के पूरे में सीजन घर का उगाया धनिया खा सकते हैं.
धनिया उगाने का सही समय-
धनिया उगाने केलिए सबसे बेस्ट मौसम ठंडा और हल्का धूप होता है. अक्टूबर से फरवरी तक का समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसका मतलब है कि अगर आप नवंबर के महीने में धनिया उगाते हैं तो सर्दी का ये पूरा सीजन आप घर में उगाए धनिया का स्वाद उठा सकते हैं.
धनिया उगाने के लिए क्या चाहिए?
धनिया उगाने के लिए एक गमला या ट्रे लेना चाहिए. इसकी गहराई कम से कम 6 इंच होनी चाहिए. इसमें अच्छी क्वालिटी की मिट्टी, कंपोस्ट या गोबर की खाद डालना चाहिए. इसके बाद इसमें धनिया का बीज बोना चाहिए.
बीज को रातभर भिगोकर रखें-
धनिया का अच्छी क्वालिटी का बीज बाजार से खरीदना चाहिए और इसको रातभर पानी में भिगो कर रखना चाहिए. इससे धनिया के बीच जल्दी से अंकुरित होते हैं. अगले दिन धनिया के बीज को गमले में बोना चाहिए.
कैसे तैयार करें मिट्टी?
धनिया के लिए मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए. गमले में 60 फीसदी बागवानी मिट्टी, 30 फीसदी गोबर की खाद और 10 फीसदी रेत या कोकोपीट मिलाना चाहिए. यह मिश्रण पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व देगा. गमले में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए.
कैसे लगाएं बीज?
गमले में मिट्टी भरकर उसमें बीजों को एक सेंटीमीटर गहराई में लगाना चाहिए. ऊपर से हल्की मिट्टी की परत डालना चाहिए, उसके बाद उसपर पानी छिड़कना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी गीली रहे, उसमें ज्यादा पानी जमा ना हो.
3-4 घंटे धूप की जरूरत-
धनिया के पौधे को रोजाना 3-4 घंटे की धूप की जरूरत होती है. गर्मियों में सुबह या शाम की धूप सबसे अच्छी रहती है. पानी हमेशा स्प्रे बोतल से हल्के हाथ से देना चाहिए, ताकि मिट्टी सूखने न पाए. अधिक पानी देने से बीज सड़ सकते हैं.
5-7 दिन में अंकुरित होते हैं बीज?
5 से 7 दिनों में बीज अंकुरित होने लगते हैं. करीब 20–25 दिनों में पौधे अच्छी तरह बढ़ जाते हैं. अगर पौधे बहुत घने लगें तो बीच से कुछ पौधों को निकाल दें, ताकि बाकी को पर्याप्त जगह मिले.
कितने दिन में तैयार होती है फसल-
धनिया के पौधे 30-40 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. ऊपरी का हिस्सा काट लेना चाहिए. जड़ें मिट्टी में रहने देनी चाहिए, ताकि दोबारा नई पौध तैयार हो सके. पौधों में समय-समय पर जैविक खाद डालना चाहिए.