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बच्ची की परवरिश के लिए छोड़ी जॉब, पत्नी से हुआ तलाक, अब पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन का दर्द झेल रहा पिता

बच्चा पालने की जिम्मेदारी ज्यादातर औरतों की ही समझी जाती है...चाहे वह दूध पिलाना हो, स्कूल के लिए तैयार करना हो या बीमार होने पर देखभाल करना. बहुत कम पुरुष ही ऐसे होते हैं जो इस काम में बराबर हिस्सेदारी निभाना चाहते हैं. लेकिन चीन में एक पुरुष सिंगल पेरेंटिंग करके लोगों के सामने उदाहरण सेट कर रहा है.

Jasmine’s Dad with his little girl Jasmine’s Dad with his little girl
हाइलाइट्स
  • “जैस्मिन्स डैड” के नाम से मशहूर हैं

  • सुबह 6 बजे उठते हैं “जैस्मिन्स डैड”

बच्चा पालने की जिम्मेदारी ज्यादातर औरतों की ही समझी जाती है...चाहे वह दूध पिलाना हो, स्कूल के लिए तैयार करना हो या बीमार होने पर देखभाल करना. बहुत कम पुरुष ही ऐसे होते हैं जो इस काम में बराबर हिस्सेदारी निभाना चाहते हैं. लेकिन चीन में एक पुरुष सिंगल पेरेंटिंग करके लोगों के सामने उदाहरण सेट कर रहा है.

“जैस्मिन्स डैड” के नाम से मशहूर हैं
चीन के सिचुआन प्रांत के रहने वाले 32 साल के शख्स ने अपनी नवजात बेटी की देखभाल के लिए अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी. लोग उन्हें “जैस्मिन्स डैड” के नाम से जानते हैं. हाल ही में जैस्मिन्स के पिता ने खुलासा किया कि वो पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन से जूझ रहे हैं.

बेटी की परवरिश के लिए छोड़ी जॉब
जैस्मिन का जन्म मई 2023 में हुआ था. घर में दोनों दादा-दादी दूसरे शहरों में काम कर रहे थे और नानी की मदद या नैनी रखने की गुंजाइश नहीं थी. ऐसे में जैस्मिन के पिता ने फैसला किया कि वह पत्नी की मेटरनिटी लीव खत्म होने के बाद उसे खुद पालेंगे. उनकी पत्नी सरकारी नौकरी में थीं, जहां काम का वक्त तय था और छुट्टियां सीमित थीं, ऐसे में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी.

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सुबह 6 बजे उठते हैं “जैस्मिन्स डैड”
पहले वो एक पेट फूड कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम करते थे और करीब 20,000 युआन कमाते थे. अब वह सिर्फ 4,000 युआन कमा रहे हैं वो वह भी ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए बेबी प्रोडक्ट्स बेचकर. जैस्मिन के डैड सुबह 6 बजे उठते हैं, बच्ची के लिए फॉर्मूला मिल्क बनाते हैं, डायपर बदलते हैं और घंटों बच्ची के साथ खेलते हैं. दोपहर तक वह उसे पार्क ले जाते हैं. शाम 5 बजे जब बच्ची सोती है, तब उन्हें खाना बनाने और अपने वीडियो कंटेंट पर काम करने का वक्त मिलता है.

ऐसे गुजरता है वक्त
उनकी बच्ची रात में हर तीन घंटे में उठती है. लगातार उसे गोद में उठाने से उनकी हड्डियों और जोड़ों में सूजन तक आ गई. एक बार बच्ची को निमोनिया हो गया. पांच दिन तक बिना सोए, बिना नहाए वे अस्पताल में बेटी के साथ रहे, लेकिन फिर भी दोनों परिवारों ने उन्हें जिम्मेदार ठहराया.

उनकी पत्नी वीकेंड में ही घर पर होती थीं, और अक्सर बेटी की  परवरिश के तरीके को लेकर उन्हें खरी खोटी सुनाती थी. लगातार झगड़े और मानसिक दबाव के चलते दोनों का डिवोर्स हो गया.

उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन का शिकार बताया है. यह आमतौर पर हाल ही में मां बनी महिलाओं में देखा जाता है.