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61 साल के बुजुर्ग को शादी के दिन आया स्ट्रोक, पत्नी ने अकाउंट से निकाल लिए 1.1 करोड़, बेटी को करना पड़ा केस

वांग नाम का यह बुज़ुर्ग शंघाई में रहते हैं. उन्होंने 20 साल पहले अपनी पहली पत्नी से तलाक लिया था और अपनी बेटी को अकेले पाला. 2016 में उन्होंने रेन फांग नाम की महिला से शादी की, जो उनसे 16 साल छोटी थी.

Court Orders Joint Guardianship Court Orders Joint Guardianship
हाइलाइट्स
  • जीवनभर की सजा बन गई दूसरी शादी

  • बैंक से धीरे-धीरे निकाला पैसा, बेटी ने कोर्ट में दी चुनौती

चीन में एक 61 साल के बुजुर्ग की शादी उस वक्त सजा बन गई जब उन्हें शादी के दिन ही ब्रेन स्ट्रोक आ गया. बुज़ुर्ग की हालत धीरे-धीरे इतनी बिगड़ गई कि वे पूरी तरह पैरालाइज्ड हो गए. इस दौरान उसकी दूसरी पत्नी ने न सिर्फ उन्हें मानसिक रूप से अकेला छोड़ दिया, बल्कि बैंक अकाउंट से 1.3 करोड़ रुपये भी निकाल लिए. अब इस बुजुर्ग के खाते में सिर्फ 500 रुपये ही बचे हैं.

जीवनभर की सजा बन गई दूसरी शादी
वांग नाम का यह बुज़ुर्ग शंघाई में रहते हैं. उन्होंने 20 साल पहले अपनी पहली पत्नी से तलाक लिया था और अपनी बेटी को अकेले पाला. 2016 में उन्होंने रेन फांग नाम की महिला से शादी की, जो उनसे 16 साल छोटी थी. शादी के दिन ही उन्हें पहला ब्रेन स्ट्रोक आया. उसके बाद उनकी तबीयत और बिगड़ती चली गई.

बेटी ने संभाला इलाज, पत्नी ने अकाउंट पर जमाया कब्जा
2019 तक वांग पूरी तरह से पैरालाइज्ड हो चुके थे. वे न बोल सकते थे और न ही चल सकते थे. इशारों से बात करते थे. उन्हें नर्सिंग होम में रखा गया, जहां उनकी देखभाल बेटी और पत्नी मिलकर करती थीं. इसी बीच 2020 में पुराने मकान के बदले वांग और उनकी बेटी को नया फ्लैट और लगभग 2.8 करोड़ का मुआवजा मिला.

पत्नी ने खुद को बताया लीगल गार्जियन
मुआवजे के बाद रेन फांग ने वांग को मानसिक रूप से अयोग्य घोषित करवा दिया और खुद को उनका एकमात्र लीगल गार्जियन घोषित करवा लिया. फिर उन्होंने बेटी के खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया कि मुआवजा सिर्फ उन्हें मिलना चाहिए. अदालत ने फैसला किया कि वांग को 1.1 मिलियन युआन और बाकी बेटी को मिलेंगे.

बैंक से धीरे-धीरे निकाला पैसा, बेटी ने कोर्ट में दी चुनौती
बेटी ने आरोप लगाया कि पिता का पूरा पैसा रेन ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया और दो साल में बड़ी-बड़ी रकम निकाल ली. एक ही दिन में कभी-कभी 50,000 युआन तक की निकासी की गई. पत्नी ने दावा किया कि पैसे नर्सिंग होम खर्च और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए निकाले गए, लेकिन बेटी ने बताया कि वांग की 60,000 महीने की पेंशन से ही सभी खर्च पूरे हो जाते थे.

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब से वांग की बेटी और पत्नी दोनों संयुक्त संरक्षक होंगी. कोई भी आर्थिक निर्णय दोनों के साइन से ही मान्य होगा. इसके अलावा पत्नी की मुआवजा वाले फ्लैट को बांटने की मांग भी अदालत ने ठुकरा दी.

क्या बुज़ुर्गों को फिर शादी करनी चाहिए?
इस मामले ने चीन की सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी है. कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अकेले रहने वाले बुज़ुर्गों को दूसरी शादी करनी चाहिए? कुछ ने रेन की नीयत पर सवाल उठाए तो कुछ ने कहा कि बच्चों की व्यस्तता के चलते बुज़ुर्ग अकेले पड़ जाते हैं और गलत फैसले कर बैठते हैं.