
वैज्ञानिक रूप से टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया कहा जाने वाला गिलोय एक औषधीय पौधा है जो इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर कई तरह के स्वास्थ्य लाभों के लिए पहचाना गया है. यह एक बेल वाला पौधा है, जिसकी पत्तियां दिल के आकार की होती हैं. यह बुखार, डायबिटीज, पाचन समस्याओं और तनाव से राहत देने में मदद करता है. घर पर गिलोय उगाने से आप ताजा और शुद्ध जड़ी-बूटी प्राप्त कर सकते हैं, जो बाजार से खरीदने की तुलना में कहीं बेहतर है.
इसे घर पर उगाना न केवल आसान है, बल्कि यह आपके बगीचे या बालकनी की रंगत भी बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं कि चंद आसान स्टेप्स में आप अपने घर पर गिलोय का पौधा कैसे उगा सकते हैं.
गिलोय का पौधा लगाने की सामग्री
सबसे पहले आपको 6-8 इंच लंबी ताजी गिलोय की कटिंग की ज़रूरत होगी. ऐसी कटिंग लें जिसमें 2-3 गांठें (नोड्स) हों. इसके बाद आपको 12-15 इंच का एक गमला चाहिए होगा जिसके नीचे जल निकासी के लिए छेद हों. गमले में डालने के लिए आपको बगीचे की मिट्टी, रेत और खाद के मिश्रण (2:1:1 अनुपात में) की जरूरत होगी. बेल को सहारा देने के लिए आपको लकड़ी, बांस या ट्रालिस की भी आवश्यकता होगी.
गिलोय का पौधा ऐसे लगाएं
सबसे पहले कटिंग तैयार करें. गिलोय की ताजी कटिंग लें. इसे किसी स्वस्थ पौधे से काटें, जिसमें कम से कम 2-3 गांठें हों. निचली पत्तियों को हटा दें ताकि कटिंग आसानी से मिट्टी में लग जाए. इसके बाद गमला और मिट्टी तैयार करें. मिट्टी डालने से पहले ध्यान रखें कि अगर गमला प्लास्टिक का है तो उसमें नीचे एक-दो छेद कर लें. उसके बाद छेद पर गिट्टी भी रख दें ताकि पानी के साथ-साथ मिट्टी भी न निकलती रहे.
इसके बाद गमले में मिट्टी, रेत और खाद का मिश्रण भरें. मिट्टी को हल्का गीला करें ताकि वह नम रहे, लेकिन जलभराव न हो. इसके बाद कटिंग लगाएं. कटिंग को मिट्टी में 2-3 इंच गहराई तक तिरछा लगाएं. गांठों को मिट्टी के नीचे दबाएं क्योंकि यहीं से जड़ें निकलेंगी.
एक गमले में 2-3 कटिंग लगा सकते हैं. कटिंग लगाने के बाद हल्का पानी डालें. मिट्टी को हमेशा नम रखें लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें. गिलोय एक बेल है, इसलिए इसे चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है. गमले में बांस की स्टिक या ट्रेलिस लगाएं, ताकि पौधा उस पर चढ़ सके.
ऐसे करें देखभाल
गिलोय को आंशिक धूप और छांव पसंद है. इसे ऐसी जगह रखें जहां सुबह की धूप मिले, लेकिन दोपहर की तेज धूप से बचाव हो. गर्मियों में 2-3 दिन में एक बार पानी दें, सर्दियों में हफ्ते में एक बार पर्याप्त है. मिट्टी को ज्यादा गीला न करें. हर 2-3 महीने में जैविक खाद या गोबर की खाद डालें. इससे पौधा स्वस्थ और मजबूत रहेगा. गिलोय आमतौर पर कीटों से सुरक्षित रहता है. अगर कीट दिखें, तो नीम के तेल का छिड़काव करें.
गिलोय की कटाई और उपयोग
जब बेल बहुत घनी हो जाए, तो अतिरिक्त पत्तियों और तनों को काटकर पौधे को व्यवस्थित रखें. लगभग 6-8 महीने बाद, जब पौधा अच्छी तरह बढ़ जाए, आप इसकी पत्तियां और तने काटकर इस्तेमाल कर सकते हैं. गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए ताजा तनों को काटें, धोएं और उबालें. इसे चाय, जूस या आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल करें.
सावधानियां
गिलोय को ज्यादा पानी से बचाएं, क्योंकि इससे जड़ें सड़ सकती हैं. इसे बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें, क्योंकि कच्चा गिलोय खाना हानिकारक हो सकता है. अगर आप गिलोय का औषधीय इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें. घर पर गिलोय उगाना न केवल आसान है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. थोड़ी सी देखभाल और सही तरीके से आप इस औषधीय पौधे को अपने बगीचे या बालकनी में आसानी से उगा सकते हैं.