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Grow Mogra at Home: आ गया चमेली का सीज़न! सफेद फूलों से चमकता रहेगा होमगार्डन, घर पर ऐसे उगाएं मोगरा

घर पर मोगरा का पौधा लगाना और उसकी देखभाल करना आसान है, बशर्ते आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. आइए जानते हैं कैसे अपने घर पर ही उगा सकते हैं यह पौधा.

मोगरे का पौधा (Photo/Pixabay) मोगरे का पौधा (Photo/Pixabay)

मोगरा, जैस्मिन या चमेली. गजरे में लगने वाले सफेद फूल के कई नाम हैं. आप इसे चाहे किसी भी नाम से पुकारें, यह देखने में उतना ही खूबसूरत और इसकी महक उतनी ही खुशबूदार रहेगी. अपनी सुगंधित सफेद फूलों और हरी-भरी पत्तियों के लिए प्रसिद्ध है. यह पौधा न सिर्फ आपके होम गार्डन की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि इसकी मनमोहक खुशबू मन को शांति भी देती है. 

घर पर मोगरा का पौधा लगाना और उसकी देखभाल करना आसान है, बशर्ते आप कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. आइए जानते हैं कैसे अपने घर पर ही उगा सकते हैं यह पौधा.

घर पर ऐसे लगाएं मोगरा
मोगरा का पौधा गर्म और नम जलवायु में अच्छा विकास करता है. भारत में इसे लगाने का सबसे अच्छा समय वसंत (फरवरी-मार्च) या मानसून (जून-जुलाई) है. मोगरा को ऐसी जगह लगाएं जहां उसे दिन में कम से कम 4-6 घंटे धूप मिले. दोपहर की तेज धूप से इसे बचाना चाहिए. अगर आप इसे गमले में लगा रहे हैं, तो ऐसी जगह चुनें जहां हवा और रोशनी का बैलेंस हो, जैसे बालकनी या छत. 

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इसके अलावा सही गमले और मिट्टी का चयन भी ज़रूरी है. मोगरा के लिए 12-14 इंच का गमला चुनें, जिसमें जल निकासी के लिए छेद हों. मिट्टी अच्छी तरह से जल निकास करने वाली और पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए. आप 40% सामान्य मिट्टी, 30% रेत और 30% जैविक खाद (जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट) का मिश्रण तैयार करें. मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. 

इसके बाद आपको फैसला करना है कि आप अपना पौधा कटिंग से उगाएंगे या नए बीज से. मोगरा को कटिंग (कलम) या बीज से उगाया जा सकता है. कटिंग विधि ज्यादा लोकप्रिय है. इसके लिए आप स्वस्थ पौधे से 6-8 इंच की कटिंग लें, जिसमें 2-3 गांठें हों. निचली पत्तियों को हटा दें और कटिंग को रूटिंग हार्मोन में डुबोकर मिट्टी में लगाएं.

गमले में मिट्टी भरें और बीच में 2-3 इंच गहरा गड्ढा बनाएं. कटिंग को गड्ढे में डालकर मिट्टी से ढक दें. हल्के हाथों से मिट्टी दबाएं और पानी डालें. पहले 2-3 हफ्तों तक गमले को छायादार जगह पर रखें और मिट्टी को नम रखें. जब जड़ें विकसित हो जाएं, तो पौधे को धूप वाली जगह पर ले जाएं.

ऐसे करें पौधे की देखभाल
मोगरा को नियमित पानी की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं. गर्मियों में हर 2-3 दिन में पानी दें ताकि मिट्टी नम रहे. सर्दियों में पानी की मात्रा कम करें. हमेशा गमले के नीचे अतिरिक्त पानी निकलने दें. पौधे को पोषण देने के लिए हर 15-20 दिन में जैविक खाद या फर्टिलाइजर (जैसे NPK 10-10-10) का उपयोग करें. फूलों के मौसम (वसंत और गर्मी) में फास्फोरस वाला फर्टिलाइजर डालें. इससे पौधे पर ज्यादा फूल आएंगे. 

मोगरे की नियमित छंटाई से पौधा स्वस्थ और आकर्षक रहता है. फूलों का मौसम खत्म होने के बाद (सितंबर-अक्टूबर) में सूखी टहनियों और अतिरिक्त शाखाओं को काट दें. इससे नई शाखाएं उगती हैं और अगले मौसम में अधिक फूल आते हैं. मोगरा को मकड़ी के जाले (स्पाइडर माइट्स), कीड़ों और फंगल इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है.

नीम के तेल का छिड़काव हर 15 दिन में करें. अगर पत्तियां पीली पड़ रही हैं, तो फंगल इन्फेक्शन हो सकता है. ऐसी स्थिति में प्रभावित हिस्सों को हटाएं और फफूंदनाशक का इस्तेमाल करें. सबसे अहम बात, मोगरा एक बेल है. इसे सहारा देने के लिए बांस की स्टिक या ट्रेलिस का उपयोग करें, खासकर अगर यह बेल के रूप में उग रहा हो. फूलों को सुबह के समय तोड़ें, जब उनकी खुशबू सबसे तीव्र होती है. पौधे को समय-समय पर घुमाएं ताकि सभी हिस्सों को बराबर धूप मिले.