husband-wife conflict
husband-wife conflict झांसी में बीड़ा मुआवजे की रकम आते ही कई परिवारों में पुराने रिश्तों की गांठें खुलने लगी हैं. रक्सा थाना क्षेत्र के इमलिया गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पांच साल पहले अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली गई महिला अब अचानक लौट आई है और पति से 45-50 लाख के मुआवजे में हिस्सेदारी की मांग कर रही है. महिला का कहना है कि उसे और उसके बच्चे को तीसरा हिस्सा मिलना चाहिए, जबकि पति का दावा है कि वह कई सालों से अपनी बहन के देवर के साथ रह रही है, इसलिए अब उसका कोई अधिकार नहीं बनता. मामला थाने पहुंचा तो दो दिनों तक चली पंचायत भी असफल रही. अब यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का केंद्र बन गया है.
मुआवजे की रकम ने ला दी जीवन में हलचल
झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के ग्राम इमलिया निवासी सुरेंद्र अहिरवार इस समय ऐसे विवाद में फंसे हैं, जिसकी जड़ में है बीडा द्वारा जमीन अधिग्रहण का मुआवजा. परिवार की जमीन बीड़ा में जाने के बाद लगभग 46 लाख रुपये का भुगतान हुआ, जिसमें से हाल ही में 20 लाख रुपये सुरेंद्र के खाते में आए. इसी रकम ने उनके जीवन में फिर हलचल पैदा कर दी.
2020 से बहन के देवर के साथ रह रही थी पत्नी
सुरेंद्र की शादी भोपालपुरा निवाड़ी, मध्य प्रदेश निवासी पुष्पा से दस साल पहले एक विवाह सम्मेलन में हुई थी. दोनों का एक बेटा भी है. सुरेंद्र बताते हैं कि शादी के शुरुआती साल ठीक चले, लेकिन कुछ समय बाद पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगे. वह घर में विवाद करती, फांसी लगाने की कोशिश करती, और मायके वालों को झूठी शिकायतें करती रही. साल 2020 में, पत्नी अपने बहन के देवर आकाश के करीब आ गई और अचानक बेटे को लेकर उसी के साथ रहने चली गई. सुरेंद्र ने लगभग दो साल इंतजार किया, पंचायतें भी कराईं, लेकिन वह नहीं लौटी. आखिरकार उन्होंने कोर्ट में तलाक का मामला दायर कर दिया.
लेकिन अब जब बीड़ा से पैसा उनके खाते में आया, तो पत्नी अचानक शुक्रवार को घर आ धमकी. उसने कहा कि उसे बेटे के हिस्से का आठ लाख रुपये चाहिए और कुल मुआवजे में से अपना हिस्सा भी चाहिए. इसके बाद रविवार को घर में बड़ा विवाद हुआ और दोनों पक्ष रक्सा थाने पहुंच गए.
दो दिन चली पंचायत, कोई नतीजा नहीं
रक्सा थाने में रविवार और सोमवार को पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, पंचायत भी कराई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया. पत्नी पैसा न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दे रही है, जबकि सुरेंद्र और उनके परिजन किसी भी तरह हिस्सा देने को तैयार नहीं.
बीड़ा के रुपयों के लिए घर लौटी पत्नी
सुरेंद्र की भाभी सुमन का कहना है कि देवर की शादी को 10 साल हो गए. पत्नी 5 साल पहले ही बहन के देवर के साथ रहने लगी थी. वह बेटा भी साथ ले गई और दोबारा कभी घर नहीं लौटी. अब सिर्फ बीड़ा के रुपयों पर हक जताने के लिए लौटकर आई है. सुमन का कहना है कि पत्नी अब बच्चे के नाम पर हिस्सा मांग रही है, जबकि बच्चा भी कई वर्षों से मां के साथ रह रहा है और पिता को उससे मिलने तक नहीं दिया जाता.
पहले से चल रहा है तलाक का मामला
वहीं पीड़ित पति सुरेंद्र का कहना है कि मेरी शादी लगभग 10 साल पहले पुष्पा से हुई थी और शादी के बाद से ही झगड़ा करने लगी थी, और आए दिन आत्महत्या की घमकी देती थी, फिर शादी के पांच साल बाद पत्नी पुष्पा घर से चली गयी थी और अपनी बहन के देवर के साथ रहने लगी थी, और अब हमारा मुआवजा आया बीड़ा का लगभग 40 से 45 लाख तो अब आकर हिस्सा मांगने लगी. रक्सा थानाध्यक्ष ने बताया कि दम्पति के बीच मामला पहले से ही कोर्ट में लंबित है. बिना कोर्ट के आदेश के इस विवाद में आगे कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता.
-अजय झा की रिपोर्ट