
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अनोखा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पीएचई विभाग में फर्जी दस्तावेज बनाकर अनुकंपा के आधार पर 2 बेटों ने नौकरी हासिल कर ली. पिता भी नौकरी करते रहे और बड़ा बेटा अनुकंप पर नौकरी हासिल कर ली. हद तो तब हो गई, जब पिता की मौत हुई तो छोटे बेटे को भी अनुकंपा पर नौकरी मिल गई.
अनुकंपा पर मिली 2 बेटों को नौकरी-
ग्वालियर के पीएचई विभाग में भूप सिंह नाम के एक कर्मचारी थे. उनके दो बेटे रवि और पुष्पेंद्र थे. दोनों बेटों को विभाग में अनुकंपा पर नौकरी मिली. बड़े बेटे रवि ने साल 2007-08 में पिता को मृत दिखाकर अनुकंपा नियुक्ति हासिल कर ली. हालांकि उस समय पिता भूप सिंह जिंदा थे. वो भी नौकरी करते रहे. 30 अक्टूबर 2021 को जब सच में भूप सिंह की मौत हो गई तो उसके छोटे बेटे को अनुकंपा पर नौकरी मिल गई.
पिता के साथ अनुकंपा पर नौकरी करता रहा बड़ा बेटा-
पीएचई विभाग के कर्मचारी भूप सिंह के बड़े बेटे रवि ने फर्जीवाड़ा करके अनुकंपा पर नियुक्ति पाई. रवि ने साल 2007-08 में पिता को मृत दिखा दिया और विभाग में नौकरी हासिल कर ली. रवि को कार्यभारित स्थापना में हेल्पर की नौकरी मिली. हैरानी की बात तो ये है कि पिता और बेटे दोनों साथ ही एक ही ऑफिस में काम करते रहे. जबकि कागजों में पिता की मौत हो चुकी थी. पिता भूप सिंह को पीएचई के संधारण खंड क्रमांक-1 में पदस्थ बताया गया. रवि की नियुक्ति आदेश में भूप सिंह की मृत्यु की तारीख तक नहीं लिखी है.
असली मौत पर छोटे बेटे को मिली जॉब-
30 अक्टूबर 2021 में सच में भूप सिंह की मौत हो गई. छानबीन समिति ने फरवरी 2023 में फैसला किया कि कार्यभारित पंप अटेंडर कम ड्राइवर भूप सिंह की मृत्यु के बाद उनके बेटे पुष्पेंद्र को नियुक्ति दी जा रही है. पुष्पेंद्र को चौकीदार की जॉब मिली. मृत्यु के समय भूप सिंह को कार्यपालन मंत्री, पीएचई संधारण ख क्रमांक-2, मोतीझील पर पदस्थ होना बताया गया.
जांच के बाद होगी कार्रवाई-
फर्जी दस्तावेज के आधार पर भूप सिंह के दोनों ने बेटों को अनुकंपा पर नियुक्ति मिल गई. इंडिया टीवी डॉट इन के मुताबिक अब ग्वालियर में पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर का कहना है कि ये संभव नहीं है कि एक कर्मचारी की 2 बार मुत्यु हो और हर बार उसके परिजन को अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए. उन्होंने कहा कि इसकी जांच करूंगा और दोषी पर कार्रवाई होगी.
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