
मेघालय का सोहरा एक अनोखे कैफे की वजह से सुर्खियों में है. सोहरा में एक पुलिस स्टेशन को कैफे में बदल दिया गया है. यह पुलिस स्टेशन 140 साल पुराना है. कभी ये पुलिस स्टेशन डर और सजा का प्रतीक था. लेकिन अब ये लजीज व्यंजन खाने की जगह बन गया है. इस कैफे में लॉकअप में डाइनिंग एरिया बनाया गया है.
कैफे में बदला 140 साल पुराना पुलिस स्टेशन-
मेघालय के सोहरा में 140 साल पुराने पुलिस स्टेशन को कैफे में बदल दिया गया है. इस हेरिटेज कैफे में पुलिस स्टेशन की यादों को सहेजकर रखा गया है. इस पुलिस स्टेशन को कैफे में बदलने की पहल खुद पुलिस अधिकारियों ने की थी. इससे पुलिस बल को आमदनी भी हो रही है और लोग पुलिस स्टेशन में बैठकर लजीज व्यंजन खाने का आनंद भी उठा रहे हैं.
कैफे के संचालन के लिए साझीदार चुनने के लिए प्रोसेस 2 साल पहले शुरू की गई थी. इसके लिए युवा उद्यमी नोनग्रम को चुना गया. उन्होंने इमारत की संरचना के हिसाब से इसका डिजाइन पेश किया.
ब्रिटिश काल की थीम पर सजाया गया कैफे-
इस कैफे के इंटीरियर को ब्रिटिश काल की थीम पर सजाया गया है. थाने का पुराना लॉकअप अब डाइनिंग एरिया बन गया है. जबकि पुरानी ब्रिटिश काल की तिजोरी, फर्श और फायरप्लेस को भी संरक्षित किया गया है. इसके साथ ही 200 किलोग्राम के वजन वाले सेफ को रीपेंट कर आकर्षक बनाया गया है.
इसका उद्घाटन 22 मई को किया गया था. इस कैफे में 100 लोगों के बैठने की जगह है. लोगों में ये कैफे काफी लोकप्रिय हो गया है. इस कैफे में लोग जेल जैसी जगहों पर बैठकर लजीज व्यंजन का लुत्फ उठाते हैं.
मेघालय का सबसे पुराना थाना बन गया कैफे-
कैफे का नाम Sohra 1885 नाम दिया गया है. दरअसल इस थाने की शुरुआत साल 1885 में हुई थी. यह मेघालय का सबसे पुराना थाना है. इसलिए इस कैफे का नाम इसकी स्थापना से जोड़कर रखा गया है. इस पुलिस स्टेशन को कैफे में बदलने का श्रेय ईस्ट खासी हिल्स जिले के एसपी विवेक सायम को जाता है. जब वो डीएसपी के पद पर थे, तभी उन्होंने इस हेरिटेज बिल्डिंग को कुछ नया लुक देने की सोच लिए थे. इसके बाद इस प्रस्ताव को पुलिस महकमे का साथ मिला और इसे अमलीजामा पहनाया जा सका है.
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