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Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर की श्मशान घाट इलाके में रहने वाली बच्चियां पहले नहीं जानती थीं क्या होता है सेनेटरी पैड, आज चला रहीं Sanitary Pad Bank, गरीब लड़कियों और महिलाओं को दे रहीं मुफ्त 

Sanitary Pad Bank: मुजफ्फरपुर में एक अनोखी पहल शुरू हुई है, जहां मुक्तिधाम की बेटियों ने अनोखी सेनेटरी पैड बैंक बनाया है. इस बैंक में सेनेटरी पैड जमा किए जाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को मुफ्त दिए जाते हैं.

Sanitary Pad Bank Sanitary Pad Bank
हाइलाइट्स
  • मुक्तिधाम पाठशाला की बेटियां कर रहीं सेनेटरी पैड बैंक का संचालन

  • मुजफ्फरपुर में पैड बैंक की खूब हो रही चर्चा

बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में इन दिनों सेनेटरी पैड बैंक (Sanitary Pad Bank) की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, इस अनोखी सेनेटरी पैड बैंक को मुक्तिधाम की बेटियों ने बनाया है. इस बैंक में सेनेटरी पैड जमा किए जाते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को निःशुल्क दिए जाते हैं. सेनेटरी पैड बैंक बनाने वाली बेटियां श्मशान घाट वाले इलाके में ही रहती हैं.

महिलाओं को कर रहीं जागरूक 
जिनके लिए कल तक पढ़ाई, सफाई सपना था , वे आज शिक्षा के साथ न केवल अपनी बल्कि इलाके की महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति भी अभियान चला रही हैं. मुक्तिधाम पाठशाला की बेटियों का यह पैड बैंक महिलाओं और बेटियों को कई तरह के रोग और कुंठा से मुक्त कर रहा है. मुक्तिधाम के पास रहनेवाली बेटियों ने पाठशाला चलाने वाले सुमित कुमार के नेतृत्व और सहयोग से यह पैड बैंक बनाया है.

बता रहीं सेनेटरी पैड का महत्व
अब जिज्ञासा कल्याण संगठन समेत अन्य संगठन भी मुक्तिधाम की बेटियों की मदद  सेनेटरी पैड बैंक चलाने में कर रहे हैं ताकि इसे वे बड़े स्तर पर चला सकें. यहां की बच्चियां खुद पैड इस्तेमाल करने के साथ महिलाओं को भी इससे जोड़ रही हैं. कुछ माह पहले तक श्मशान घाट इलाके कि बच्चियां सेनेटरी पैड का महत्व नहीं जानती थीं, अब खुद भी उपयोग कर रही हैं और दूसरी लड़कियों और महिलाओं को इसका महत्व बता रही हैं.

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पहले करती थीं कपड़े का इस्तेमाल 
सेनेटरी पैड बैंक की कमान संभाल रही मुक्तिधाम के पास रहनेवाली रागिनी, ईशा, सिद्धी, चांदनी समेत अन्य बेटियां कहती हैं कि पहले हम अपनी माताओं की तरह कपड़ा ही इस्तेमाल करते थे. हमें नहीं पता था कि पैड क्या होता है. जब हमारे मुक्तिधाम पाठशाला में भैया डॉक्टर दीदी को लेकर आए तो हमें इसके बारे में समझ आया. यह भी पता चला कि हमारी माताएं क्यों इतना बीमार रहती हैं. अब हम भी बेटियों और माताओं को उनकी पर्सनल हाइजीन के बारे में जागरूक करते हैं.

इतनी लड़कियों की है टीम 
पैड बैंक संचालित करने वाली सोना ने बताया कि स्वास्थ्य को लेकर यह जानकारी डॉक्टर दीदी आईं तो हम लोगों को बताई. फिर हमलोगों ने पैड बैंक की शुरुआत किया और अपने मोहले में आंटी लोगों को जागरूक कर जरूरतमंदों को मुहैया कराया. सेनेटरी पैड बैंक के संचालन के लिए 21 लड़कियों की टिम है. टीम की लड़कियां सेनेटरी पैड को एकत्र करने से लेकर स्टोर से लेकर वितरण तक के कार्य देखती हैं. 

पढ़ाई के साथ सेहत का भी ध्यान 
उधर, श्मशान घाट में पाठशाला चलाने वाले सुमित कुमार ने बताया कि यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य कैंप और अवर्णेश कैंप भी लगाया जाता है. ताकि इन लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे और पढ़ाई भी रेगुलर हो. इन बच्चियों ने पैड बैंक बनाया, जिसमें हमलोगों के सहयोग से पैड मुहैया कराया जाता है. इस पैड बैंक के संचालन की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं बच्चियों पर हैं.

(मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)