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Nehpal Singh: नायब सूबेदार ने कंचनजंगा गंगा पर फहराया तिरंगा, माउंट एवरेस्ट फतह का है सपना

सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात नेहपाल सिंह ने कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा झंडा फहराया है. उनका अगला मिशन माउंट एवरेस्ट फतह करना है. नेहपाल सिंह हरियाणा के नूंह जिले के उजीना गांव के रहने वाले हैं. नेहपाल 28 राज्यों की 29 चोटियों को फतह कर चुके हैं.

Nehpal Singh Nehpal Singh

सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात नेहपाल सिंह उजीना ने दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है. नेहपाल सिंह हरियाणा के नूंह जिले के उजीना गांव के रहने वाले हैं. नेहपाल ने ये उपलब्धि हर शिखर तिरंगा मिशन के तहत हासिल की.

कंचनजंगा पर फहराया तिरंगा-
सेना में नायब सूबेदार नेहपाल सिंह ने 8586 मीटर ऊंची कंचनजंगा गंगा पर तिरंगा झंडा फहराया है. नेहपाल सिंह ने देश की 28 राज्यों की 49 ऊंची पहाड़ की चोटियों को नापकर कंचनजंगा पर तिरंगा फहरा दिया है. उनकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ कर्नल रणवीर सिंह जमवाल का है, जिनकी बदौलत उन्होंने ये बड़ा मुकाम हासिल किया है.

माउंट एवरेस्ट फतह का लक्ष्य-
सेना में भर्ती होने के बाद से ही उजीना गांव के हवलदार नेहपाल सिंह वर्ष 2011 से ही देश के अलग-अलग राज्यों की ऊंची पहाड़ियों पर तिरंगा फहराने के मिशन में जुटे हुए हैं. अब उनका अगला मिशन माउंट एवरेस्ट फतेह करने का है. अगर हरियाणा सरकार और सेना के आला अधिकारियों ने सहयोग दिया तो वह इस मुकाम को भी हासिल कर लेंगे.

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28 राज्यों की 49 चोटियां फतह-
हवलदार नेहपाल सिंह ने कहा कि 16 अक्टूबर 2022 से 2 अक्टूबर 2023 तक लगभग 1 साल में उन्होंने और उनकी टीम ने अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, असम, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के ऊंचे माउंटेन पॉइंट पर तिरंगा फहराने का काम किया है. 

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हर शिखर तिरंगा मिशन की शुरुआत की थी. इस मिशन में मेवात के लाडले ने सफलता के झंडे गाड़े हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कर्नल रणवीर सिंह जमवाल से बेहतरीन प्रशिक्षण मिला, जिसकी वजह से यह मुकाम हासिल हुआ. हवलदार नेहपाल सिंह ने कहा कि उनके साथ तकरीबन 30 सदस्य थे, जो समय-समय पर कई ग्रुप में बदलते रहते थे. 

हादसे में साथियों ने बचाया-
उन्होंने कहा कि इस सफलता को पाने के लिए जान को पूरी तरह से जोखिम में डालना पड़ा. एक ऊंची पहाड़ी पर चढ़ते समय वह गिर गए थे और कुछ सेकंड में उनके साथियों ने उन्हें बचा लिया, वर्ना आज वह जिंदा नहीं होते. कुल मिलाकर हरियाणा के नूंह जिले के उजीना गांव में गरीब परिवार में जन्मे सेना में नायब सूबेदार के पद पर कार्यरत नेहपाल सिंह ने ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसे हरियाणा का आज तक कोई भी व्यक्ति हासिल नहीं कर पाया है. देश भर के 28 राज्यों की ऊंची चोटियों को नापने और उस पर तिरंगा फहराने के बाद अब देश की सबसे ऊंची चोटियों में शामिल माउंट एवरेस्ट को वह फतह करने का सपना बुनने लगे हैं.

सबसे खास बात यह है कि नूंह जिले का उजीना गांव सेना के जवानों की फैक्ट्री है. अभी भी करीब 500 से अधिक लड़के सेना में भर्ती हैं और इससे भी अधिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन नेहपाल ने एक अलग पहचान बनाई है.

(कासिम खान की रिपोर्ट)

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