देशभर में प्लास्टिक बैन पर मुहिम चलाई जा रही है और आगामी एक जुलाई से केंद्र सरकार ने देशभर में सिंगज यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने का फैसला किया है. ऐसे में गुजरात से एक गुड न्यूज़ आई है. गुजरात के जूनागढ़ में एक ऐसा कैफे खुलने जा रहा है जहां वेस्ट प्लास्टिक के बदले पोषणयुक्त प्राकृतिक खाना मिलेगा. जिला प्रशासन की नई सोच ने लोगों के लिए ये मुहिम शुरू की है. जूनागढ़ के डीएम डॉ. रचित राज से GNT की टीम ने बात की और इस मुहिम के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे क्या है?
प्लास्टिक के बदले खाना देने वाला ये देश का पहला कैफे होगा. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक पर रोक लगाने की जरूरत को ध्यान में रख कर जिला प्रशासन ने ये एक नई पहल की है. प्लास्टिक प्राकृतिक कैफे का 30 जून को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उद्घाटन किया जो कि खुद प्राकृतिक खेती के हिमायती हैं. प्लास्टिक के हानिकारक असर को देखते हुए उसका उपयोग रोकने का खास जागृति लाने का ये प्रयास है. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस कैफे की शुरुआत करते हुए जूनागढ़ के डीएम रचित राज के इस प्रयास की सराहना की है.
क्यों पड़ी प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे की जरूरत
आम जीवन में लोग केमिकल युक्त खाने से ज्यादा बीमार हो रहे हैं और दवाईयां भी असर नहीं कर पा रही है. ऐसे में प्राकृतिक खाने से लोगो को बीमारियां नही होगी साथ साथ दवाइयों की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
कैसे मिलेगा प्लास्टिक के बदले खाना ?
जूनागढ़ के आजाद चौक स्थित सखी मंडल सेंटर पर बनाए गए इस प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे में आप सिंगल यूज प्लास्टिक देकर बदले में चाय, कॉफी, बटाटा पौवां, बाजरे की रोटी, सब्जी, थेपला आदि जो चाहिए वो खरीद सकते हैं. आप इस प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे में खाने, शरबत के साथ कई चीज भी खरीद सकते हो जैसे कि मिट्टी के बर्तन, अनाज या बीन्स जो कि पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से पैदा किए गए हैं.
महिला सशक्तिकरण का भी ध्यान रखा गया
प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे शुरू करते समय जिला प्रशासन अधिकारी ने सखी मंडल की बहनों को इसके संचालन की जवाबदारी सौंपी है ताकि महिला सशक्तिकरण हो सके और कई महिलाओं को रोजगार और अपने पांव पर खड़े होने का रोजगार मिल सके.
Swiggy और Zomato से लिंक अप
ये कैफे Swiggy और Zomato जैसे माध्यमों से जोड़ा जायेगा ताकि घर बैठे खाना मिल सके. केस लेस और डिजिटल प्लेटफार्म सबसे आधुनिक कैफे होगा जिसमे पर्यावरण जागृति के साथ प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन सेंटर भी होगे. सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए प्राकृतिक चीजों पर भार दिया जाएगा.
इस कैफे की संचालिका रेखाबेन सोलंकी ने कहा की हम प्राकृतिक प्लास्टिक कैफे में वेस्ट प्लास्टिक लाने वाले को 500 gm के बदले में शरबत और 1 किलो प्लास्टिक लानेवाले को ढोकला और बटाटा पौंवा की डिश फ्री मिलेगी. ये महिला सशक्तिकरण का माध्यम भी होगा जिससे मेरी जैसी कई महिलाओ को रोजगार मिलेगा.
(जूनागढ़ से भार्गवी जोशी की रिपोर्ट)