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Tractor For The First Time In The Village: नया ट्रैक्टर खरीदा, कलपुर्जे अलग किए, कंधे पर रखकर 1400 मीटर की चढ़ाई की... इस तरह से पहली बार उतरज गांव में होगी ट्रैक्टर से खेती

राजस्थान के माउंट आबू में 1400 मीटर की ऊंचाई पर बसे गांव उतरज में पहली बार ट्रैक्टर पहुंचा है. गांववालों ने पैसा मिलाकर ट्रैक्टर खरीदा और उसके कलपुर्जे अलग-अलग कर दिए. इसके बाद इन कलपुर्जों को कंधे पर उठाकर गांव ले जाया गया और फिर से उसे असेंबल किया गया. ट्रैक्टर की सर्विसिंग भी गांव में ही होगी. इसके लिए आबूरोड शोरूम से टीम आएगी.

Tractor reached Uttaraj village Tractor reached Uttaraj village

राजस्थान के सिरोही जिले के हिल स्टेशन माउंट आबू की गोद में 1400 मीटर की ऊंचाई पर बसे उतरज गांव में पहली बार ट्रैक्टर पहुंचा है. इतनी ऊंचाई पर ट्रैक्टर पहुंचाना आसान नहीं था. इसके लिए गांववालों को काफी मेहनत करनी पड़ी. गांववालों ने पहले नया ट्रैक्टर खरीदा. उसके बाद उसके कलपुर्जे अलग-अलग किए. फिर उनको कंधे पर उठाकर पहाड़ी पर ले गए. इसके बाद गांव में ले जाकर फिर से कुलपुर्जों को जोड़ा और ट्रैक्टर तैयार किया. आपको बता दें कि इस गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. इस गांव में पहाड़ी पर चढ़ाई करके जाना पड़ता है.

गांववालों ने मिलकर खरीदा ट्रैक्टर-
गांव में आजादी के दशकों बाद ट्रैक्टर ले जाने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सबसे पहले गांव के 60 परिवारों ने मिलकर 7 लाख रुपए में ट्रैक्टर खरीदा. इसके लिए सभी ने मिलकर डेढ़ लाख रुपए कैश इकट्ठा किया. इसके अलावा बाकी पैसो का इंतजाम लोन लेकर किया.

नए ट्रैक्टर के कलपुर्जे को कंधे पर लेकर गए-
गांववालों ने आबूरोड से नया ट्रैक्टर खरीदा. इसके बाद पार्ट्स को गुरुशिखर तक दो ट्रैक्टरों से लाया गया. इसके बाद बांस के विशेष फ्रेम बनाए गए और उसमें कलपुर्जों को बांधकर गांव ले जाया गया. सबसे पहले 900 किलोग्राम का इंजन बांध के ढांचे पर लादा गया. इसके बाद 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर ले जाया गया.

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ट्रैक्टर चलाने के लिए डीजल की व्यवस्था भी गुरुशिखर से पैदल चलकर लाई जाएगी. एक बार ट्रैक्टर 200 किलोमीटर चल जाएगा तो उसकी सर्विसिंग की जाएगी. ट्रैक्टर की सर्विसिंग गांव में ही होगी. इसके लिए आबूरोड शोरूम से टीम आएगी. गांव में पास के गांव काछोली से एक युवक को बुलाया गया है, जो इस गांव के लोगों को ट्रैक्टर चलाना सिखाएगा.

गांव में 400 बीघा खेत-
इस गांव में अब तक बैलों से खेती होती है. इस गांव की आबादी 250 है. जबकि 400 बीघा खेत है. पानी के लिए गांव में 32 कुएं हैं. ट्रैक्टर के आने से गांव में गेहूं, जौ, मटर, आलू, गोभी और लसहुन जैसी फसलों की खेती की जाएगी. ट्रैक्टर के आने से लोगों को जंगल से जानवरों के लिए चारा नहीं लाना पड़ेगा. ट्रैक्टर आने से गांव के लोग काफी खुश हैं. गांववालों ने इस खुशी में प्रसाद बांटा. 

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