

आज के दौर में टैटू (गोदना) युवाओं के बीच एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है. Gen Z और मिलेनियल्स के लिए टैटू व्यक्तित्व, स्वतंत्रता और कला का प्रतीक है. लेकिन क्या टैटू बनवाने से सरकारी नौकरी का सपना टूट सकता है? यह सवाल उन लाखों युवाओं के मन में है, जो UPSC, SSC, पुलिस भर्ती, या सेना में करियर बनाना चाहते हैं.
सोशल मीडिया पर इस विषय को लेकर कई तरह की चर्चा चलती रहती है. कुछ लोग कहते हैं कि टैटू बनवाना नौकरी में रुकावट बन सकता है, जबकि कुछ का मानना है कि यह सिर्फ एक मिथक है.
टैटू और सरकारी नौकरी का क्या है नियम?
भारत में सरकारी नौकरियों, खासकर सेना, पुलिस, CISF, BSF, और CRPF जैसे सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए फिजिकल और मेडिकल स्टैंडर्ड को लेकर सख्त नियम हैं. भारतीय सेना के भर्ती दिशानिर्देशों के अनुसार, स्थायी टैटू (Permanent Tattoo) कुछ शर्तों के साथ स्वीकार्य हैं, लेकिन इनके लिए स्पष्ट नियम हैं. उदाहरण के लिए:
-टैटू का स्थान: सेना में टैटू केवल अंदरूनी बाजू (Inner side of forearm) या हाथ के पीछे (back of the hand) पर स्वीकार्य हैं. चेहरे, गर्दन, या शरीर के अन्य हिस्सों पर टैटू होने पर उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
-टैटू का प्रकार: धार्मिक प्रतीक, नाम, या सामान्य डिजाइन जो आपत्तिजनक न हों, स्वीकार किए जा सकते हैं. लेकिन आपत्तिजनक, अश्लील, या हिंसक टैटू पूरी तरह प्रतिबंधित हैं.
-आकार और विजिबिलिटी: टैटू का आकार छोटा होना चाहिए और इसे वर्दी पहनने पर छिपाया जा सके. बड़े और दिखाई देने वाले टैटू भर्ती में बाधा बन सकते हैं.
पुलिस भर्ती में, जैसे उत्तर प्रदेश पुलिस या दिल्ली पुलिस, टैटू को लेकर नियम थोड़े लचीले हैं, लेकिन यहां भी मेडिकल टेस्ट के दौरान टैटू की जांच होती है. अगर टैटू प्रोफेशनल इमेज को प्रभावित करता है या सार्वजनिक रूप से आपत्तिजनक है, तो उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया जा सकता है. UPSC और SSC जैसी सिविल सेवा भर्तियों में टैटू को लेकर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार की समग्र छवि पर ध्यान दिया जाता है.
क्या है सच्चाई?
हालांकि, टैटू अपने आप में सरकारी नौकरी के लिए अयोग्यता का कारण नहीं है, लेकिन यह नौकरी के प्रकार और टैटू के स्थान, आकार, और डिजाइन पर निर्भर करता है. भारतीय सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेस में टैटू को लेकर सख्त नियम हैं, क्योंकि इन नौकरियों में अनुशासन और एकरूपता को प्राथमिकता दी जाती है. वहीं, सिविल सेवाओं में टैटू को लेकर कोई सख्त प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इंटरव्यू बोर्ड उम्मीदवार की समग्र व्यक्तित्व और प्रोफेशनल छवि पर ध्यान देता है.